
श्रीलंका और पाकिस्तान का बंटाधार करने के बाद चीन अब पूर्वी एशियाई देश कंबोडिया को हड़पने में जुटा है। थाईलैंड की खाड़ी के किनारे बसे इस देश को चीन ने भारी मात्रा में कर्ज दिया है। अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि चीन का कर्ज चुकाने के लिए कंबोडिया को रीम नेवल बेस को लीज पर देना पड़ा है। साल 2010 तक रीम नेवल बेस अमेरिका और कंबोडिया का संयुक्त नौसैनिक अड्डा हुआ करता था। चीन की विस्तारवादी नीतियां न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बनती जा रही हैं।
लेकिन, चीन को देने की जल्दी में कंबोडियाई सरकार ने इस नौसैनिक अड्डे पर बनवाए गए अमेरिका के दो बिल्डिंगों को भी नष्ट कर दिया। इतना ही नहीं, पिछले साल जब अमेरिकी डिफेंस अताशे कर्नल मार्कस एम फेरारा ने रीम नेवल बेस का दौरा कर स्थिति को जानने की कोशिश की तो उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। हाल के सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि चीन ने इस इलाके में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है। इतना ही नहीं, इस नेवल बेस के आसपास के इलाके में चीनी प्राइवेट कंपनियों ने कई रिसोर्ट और होटेल्स का निर्माण भी किया है।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन ने चीनी निवेश के लिए रेड कार्पेट बिछाया हुआ है। इस कारण बड़े पैमाने पर चीनी कंपनियां रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगहों पर बुनियादी ढांचों का निर्माण कर रही हैं। रीम नेवल बेस के पास स्थित सिहानोकविले नाम की जगह तो चीनी कॉलोनी बन गई है। यहां चीनी कैसीनो और होटलों की बाढ़ सी आई हुई है। एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि शहर में चीनी निवासियों की तादाद अचानक काफी बढ़ गई है। ये लोग नेवल बेस के निर्माण में शामिल हैं। चीन की मंडारिन भाषा अब हमारे शहर में आम बात हो गई है। इतना ही नहीं, सड़कें भी चीनी भाषा में लिखे संकेतों से भरी हुई हैं। सिहानोकविले में एक रेस्टोरेंट है, जहां हर कर्मचारी और ग्राहक चीनी ही मालूम पड़ता है।
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