
महाराष्ट्र में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए। दावा है कि इन दंगों में एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने ऑटो चाल को मुसलमान समझ लिया, जबकि वह हिंदू था और मुसलमान शख्स का ऑटो चलाता था।
महाराष्ट्र के मोहम्मद अफजल (17) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। अफजल की याचिका अकोला में साल 2023 में हुए दंगों से संबंधित थी। इस याचिका में दावा किया गया कि दो साल पहले हुए इन दंगों में एक हिंदू ऑटो रिक्शा ड्राइवर की मुस्लिम समझकर हत्या कर दी गई। याचिका में अफजल ने कहा कि उसने 4 लोगों को देखा था। आरोपियों में से एक के बाद में राजनीतिक संबंध भी उजागर हुए थे। आरोपियों ने अफजल पर भी हमला किया था, जिसमें वह घायल हो गया था।
अफजल के मुताबिक वह हिम्मत जुटाकर पुलिस स्टेशन पहुंचा और खुद पर हुए हमले की शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, पुलिस ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद एक शिकायत अकोला के पुलिस अधीक्षक से की गई, लेकिन उन्होंने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में हत्या के शिकार की पहचान विलास महादेवराव गायकवाड़ के रूप में हुई। विलास एक मुसलमान का ऑटो रिक्शा चलाता था। अफजल का दावा है कि गायकवाड़ की हत्या इस गलतफहमी में की गई कि वह मुसलमान है।
इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजय कुमार ने कहा कि राज्य को धार्मिक उत्पीड़न और धर्मनिरपेक्षता से जुड़े मुद्दों से निपटते समय स्पष्ट पारदर्शिता और निष्पक्षता दिखानी चाहिए। जस्टिस कुमार ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य को सभी धर्मों और आस्थाओं के प्रति तटस्थ रहना चाहिए, लेकिन शासन तंत्र में काम करने वाले पुरुष और महिलाएं अलग-अलग समुदायों और धर्मों से संबंधित हैं। उन्होंने यह संकेत दिया कि राज्य तंत्र में काम करने वाले पुरुष और महिलाएं आखिरकार अन्य सभी धर्मों से ऊपर अपने विशेष धर्मों के प्रति निष्ठा रखते हैं और उनके हित में काम करते हैं।
Home / Uncategorized / मुसलमान समझकर हिंदू की हत्या! महाराष्ट्र के इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, जानें क्या कहा
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