
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अधिकारियों ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर समेत 5100 संदिग्ध आतंकवादियों के बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी है। इन खातों में 40 करोड़ रुपए से अधिक राशि थी। अजहर भारत में पठानकोट हवाई ठिकाने पर आतंकवादी हमले के बाद से ‘एहतियातन हिरासत’ में है।
गृह मंत्रालय के अनुरोध के बाद एक्शन में एसबीपी
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के अनुरोध के बाद हमने अल्ला बख्श के बेटे मसूद अजहर समेत सभी शीर्ष संदिग्ध आतंकवादियों के बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी है। ‘द न्यूज’ ने अधिकारी के हवाले से बताया कि गृह मंत्रालय ने हजारों संदिग्धों की तीन अलग-अलग सूची भेजी जिसमें कुछ प्रतिबंधित संगठनों के सरगना भी शामिल हैं।
आतंकवाद निरोधक अधिनियम की श्रेणी में बंद किया लेन-देन
समाचार पत्र के अनुसार तकरीबन 1200 संदिग्ध जिनके बैंक खाते से एसबीपी ने लेन-देन पर रोक लगाई है उन्हें आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 के तहत ‘ए’ श्रेणी के तहत रखा गया है। गृह मंत्रालय और एसबीपी के अधिकारियों ने बताया कि अजहर को शीर्ष संदिग्धों की सूची में शामिल किया गया है, जिनके बैंक खाते से लेन-देन पर एसबीपी ने रोक लगाई है।
अजहर मसूद को रखा गया चतुर्थ ए की श्रेणी में
अखबार ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि अजहर के नाम को चतुर्थ अनुसूची की ‘ए’ श्रेणी में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि एेसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने पठानकोट हवाई ठिकाने पर आतंकवादी हमला होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जेईएम प्रमुख को ‘एहतियातन हिरासत’ में डाला हुआ है।
नाकटा ने भेजे थे एसबीपी को आतंकवादियों के नाम
नेशनल काउन्टर टेररिज्म अथॉरिटी (नाकटा) ने इस महीने की शुरुआत में तकरीबन 5500 नाम एसबीपी को भेजे थे। नाकटा के राष्ट्रीय समन्वयक एहसान गनी ने पुष्टि की कि एसबीपी ने 5000 से अधिक संदिग्धों के बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी है।
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