एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में छात्र लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने कैंपस में टेंट लगा रखे थे, लेकिन मंगलवार को इन प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए एम्सटर्डम पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंच गई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और तंबू हटा दिए।
नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम में मंगलवार को भारत की तरह नजारा दिखा, जब फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस बुलडोजर लेकर कैंपस पहुंच गई। एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी में कैंप लगाए प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बुलडोजर की मदद से हटा दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भी बरसाईं गईं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद 120 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन प्रदर्शनों को अमेरिकी कैंपस में हुए प्रदर्शनों की तरह बताया और कहा, इसने बहुत असुरक्षित स्थिति पैदा कर दी है।
एम्सटर्डम में मंगलवार को सैकड़ों लोग गाजा पर इजरायल के अभियान के विरोध में सड़कों पर उतर आए और मार्च शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के आस-पास की सड़क को बैरीकेड्स लगाकर ब्लॉक कर दिया और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंची और बैरीकेड्स को हटाना शुरू कर दिया। कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें बुलडोजर बैरीकेड्स के ऊपर चढ़ते दिखाई दे रहे हैं, जबकि उसके दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी खड़े हैं। इसके साथ ही पुलिस अधिकारी लाठियां चला रहे हैं और तंबुओं को हटा रहे हैं।
इजरायल के खिलाफ नारेबाजी – इसके पहले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पास के होलोकॉस्ट स्मारक की ओर जाने की कोशिश की थी। भीड़ गाजा में युद्ध के खिलाफ नारे लगा रही थी और इजरायल के सैन्य अभियान की निंदा कर रही थी। प्रदर्शनकारी ‘आजाद, आजा फिलिस्तीन’ चिल्ला रहे थे। प्रदर्शनकारी एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजरायल के साथ संबंध तोड़ने की मांग कर रहे हैं।
अमेरिका में 2000 से ज्यादा फिलिस्तीन समर्थक गिरफ्तार- प्रदर्शनकारियों ने लगाया हिंसा का आरोप – पुलिस ने एक बयान में कहा, इस रूप में विरोध प्रदर्शन ने बहुत ही असुरक्षित स्थिति पैदा कर दी है। बैरीकेड्स के चलते आपातकालीन सेवाओं को प्रदर्शन वाली जाने के लिए रास्ता बंद हो गया था। पुलिस के अनुसार, किसी आपदा की स्थिति में प्रदर्शनकारी घटनास्थल पर फंस सकते हैं। वहीं, छात्रों के एक संगठन ने कहा है कि पुलिस ने उन्हें जबर हटाने के लिए लाठीचार्ज, बुलडोजर, पेपर स्प्रे का सहारा लिया। संगठन ने आरोप लगाया कि अत्यधिक हिंसा के कारण कई लोगों को चोटें आई है।
Dissent has gone to fetch oil😂
— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) May 7, 2024
West’s pulpit bluster about “Democracy in danger in India” is no more than hogwash.
After cops kicked out Hamas-loving Azadi Gangs from American university campuses, bulldozers were sent into Amsterdam University to deal with them.
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