
अमेरिकी यहूदियों के एक समर्थक समूह ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत की आलोचना करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों पर निशाना साधा और कहा कि रूस-यूक्रेन संकट के लिए भारत जिम्मेदार नहीं है। समूह ने अमेरिका-भारत संबंधों को बेहतर बनाने का आह्वान किया। ट्रंप प्रशासन के अधिकारी रूस के तेल खरीदने को लेकर भारत की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि तेल से अर्जित पैसों से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है।
अमेरिका ज्यूइश कमेटी (AGC) ने शुक्रवार को इस मामले पर टिप्पणी की। इससे पहले व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन संकट को “मोदी का युद्ध” करार देते हुए कहा था कि “शांति का मार्ग आंशिक रूप से नयी दिल्ली से होकर जाता है।” एजेसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह “अमेरिकी अधिकारियों की ओर से भारत पर किये गए जुबानी हमलों से बहुत हैरान और चिंतित है।”
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समूह ने नवारो की टिप्पणी को “अपमानजनक आरोप” करार दिया। पोस्ट में कहा गया है, “हमें ऊर्जा के जरूरतमंद भारत की रूसी तेल पर निर्भरता पर खेद है, लेकिन भारत पुतिन के युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं है, यह एक सहयोगी लोकतांत्रिक देश और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।” पोस्ट में कहा गया है, “यह महत्वपूर्ण संबंधों को पुन: स्थापित करने का समय है।”
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