
इस्लामिक स्टेट समूह में शामिल होने के लिए ब्रिटेन से भागी युवती शमीमा बेगम अपनी नागरिकता बरकरार रखने की कानून लड़ाई हार गई। शमीमा की नागरिकता राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर निरस्त कर दी गई थी।
पूर्वी लंदन के एक स्कूल पढ़ने वाली तीन छात्राएं 2015 में सीरिया भाग गई थीं, शमीमा भी उन्हीं में से एक थी। वह पिछले साल सीरिया में एक शरणार्थी शिविर में मिली थी और उसने घर वापस लौटने की इच्छा जताई थी।
ब्रिटेन के होम सेक्रटरी साजिद जाविद ने शमीमा की नागरिकता निरस्त कर दी थी, लेकिन शमीमा ने इस फैसले को विशेष आव्रजन अपील आयोग में चुनौती दी थी। शमीमा की दलील थी कि वह किसी और देश की नागरिक नहीं है और जाविद के फैसले से वह राज्यविहीन हो गई है। हालांकि आयोग ने शुक्रवार को जाविद के पक्ष में फैसला सुनाया।
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