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कविता : कोई दीवाना कहता है

डॉ कुमार विश्वास   कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !! मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !! यहाँ सब …

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कविता : अपने आप से लड़ता मैं

मनोज अबोध अपने आप से लड़ता मैं यानी, ख़ुद पर पहरा मैं वो बोला-नादानी थी फिर उसको क्या कहता मैं जाने कैसा जज़्बा था माँ देखी तो मचला मैं साथ उगा था सूरज के साँझ ढली तो लौटा मैं वो भी कुछ अनजाना-सा कुछ था बदला-बदला मैं झूठ का खोल उतारा तो निकला सीधा सच्चा मैं  

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हँसाता हूँ, रूमानी बनाता हूँ, अलख जगाता हूँ , ह्रदय तक जाता हूँ : डॉ कुमार विश्वास

  By- Alok   Indianz X_PRESS ने डॉ कुमार विश्वास से न्यूज़ीलैण्ड आने से पहले बात की , वोह हाल ही में  अमेरिका प्रवास पर थे और एक के बाद अमरीका और कनाडा के  ७ शहरों में ९ दिन के अन्दर लोगो को अपने तेजस्वी व्यक्तित्व और शब्दों के सम्मोहन से आंदोलित कर रहे थे | गूगल ने उन्हें आमंत्रित …

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