भारत और पाकिस्तान में चार दिन चले संघर्ष के बाद 10 मई को अचानक सीजफायर का ऐलान कर दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसको लेकर ट्वीट करते हुए जानकारी दी। भारत और पाकिस्तान के सीजफायर में लगातार अमेरिका की मध्यस्थता का दावा किया जा रहा है। इस घटनाक्रम में अब एक नई जानकारी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध टालने के लिए अमेरिका पर दबाव बनाया था। पाकिस्तान ने इसके लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी का सहारा भी लिया।
CNN-News18 ने अपनी रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान ने अमेरिका को परमाणु युद्ध की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। ऐसा करते हुए पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका हस्तक्षेप करे और सीजफायर करवाए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान ने नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की बैठक बुलाकर भी अमेरिका पर दबाव बनाया। यह संस्था पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालती है। ये इशारा था कि हम परमाणु के विकल्प की तरफ जा सकते है।
मुनीर ने दी रुबियों को धमकी! – रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो से कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो हम परमाणु हथियारों की तरफ जा सकते हैं। यह अमेरिका को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर करने की रणनीति थी। इस बैठक के कुछ घंटों के भीतर ही अमेरिका से नई दिल्ली में फोन आए और तुरंत ही युद्धविराम की घोषणा कर दी गई।
एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने ये माना है कि हमने अमेरिका को युद्ध रोकने के लिए ब्लैकमेल किया। हमने अपने नुकसान का आकलन किया और उसी के अनुसार काम किया। अधिकारी ने यह भी कहा कि दो परमाणु राज्यों के बीच युद्ध की कोई जगह नहीं हो सकती है। इस तरह की लड़ाई एक बड़ी तबाही का कारण बन सकती है।
Home / News / जनरल मुनीर की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग से भारत-पाक में सीजफायर? अमेरिका अचानक क्यों हुआ था एक्टिव, खुलासा