चीन ने सोमवार को आरोप लगाया कि अमेरिका पर बिना किसी वैध सबूत के चीनी छात्रों को जबरन निर्वासित कर रहा है और अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए ‘‘अहम कदम” उठाने की चेतावनी दी। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है और बिना वैध सबूत के मनमाने ढंग से चीनी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए, अमेरिका में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया और जबरन निर्वासित कर दिया।
उनसे पूछा गया कि खबरें सामने आई थीं कि वाशिंगटन डलेस हवाई अड्डे और डलास हवाई अड्डे पर अमेरिकी सीमा में प्रवेश करने पर चीन के छात्रों और विद्वानों से पूछताछ की गई और उन्हें जबरन निर्वासित कर दिया था। इस पर माओ ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी मेल-जोल को भारी नुकसान पहुंचा है।
माओ ने कहा, ‘‘ हाल के मामलों से पता चलता है कि अमेरिक के कानून प्रवर्तन के कर्मचारी चीनी नागरिकों को निर्वासित करने के लिए बेवजह के तर्क दे रहे हैं। साफ तौर पर यह भेदभावपूर्ण और राजनीति से प्रेरित कदम है।” उन्होंने कहा, ‘‘ चीन अपने नागरिकों के विधिसम्मत और वैध अधिकारों तथा हितों की रक्षा के लिए अहम कदम उठाएगा। अमेरिका को तुरंत इस तरह का उत्पीड़न बंद करना चाहिए।”
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