
पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जूझ रही है। ऐसे में न्यूजीलैंड एक मिसाल की तरह उभर कर सामने आया है। यहां पिछले 100 दिनों से घरेलू स्तर पर संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। न्यूजीलैंड में मार्च के अंत में सख्ती से लॉकडाउन लागू कर संक्रमण को पूरी तरह काबू कर लिया गया था। उस समय यहां सिर्फ 100 लोग ही वायरस से संक्रमित थे।
रविवार को यहां घरेलू स्तर पर संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आने के 100 दिन पूरे हो गए। न्यूजीलैंड में पिछले तीन महीने से केवल चंद लोग ही संक्रमित पाए गए हैं। इनमें भी ऐसे लोग हैं, जो विदेशों से लौट रहे हैं। उन्हें सीमा पर ही आइसोलेशन में भेज दिया गया है। ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो’ में महामारी विशेषज्ञ प्रफेसर माइकल बेकर ने कहा, ‘यह अच्छे विज्ञान और बेहतरीन राजनीतिक नेतृत्व का कमाल है। यदि आप दुनियाभर में देखें, तो जिन देशों ने संक्रमण को काबू पाने में सफलता हासिल की है, वहां आमतौर पर इन दोनों चीजों का संगम है।’
सामान्य हुए हालात, पटरी पर लौट रही जिंदगी
कोरोना पर पूरी तरह काबू पाने के लिए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के नेतृत्व की हर तरफ तारीफ हो रही है। उन्होंने लॉकडाउन में लोगों को रोज स्थिति की जानकारी दी और सख्ती से लॉकडाउन का पालन कर संक्रमण से निपटने का भरोसा दिलाया। न्यूजीलैंड में अब तक संक्रमण के करीब 1,500 मामले सामने आए हैं। इनमें से 22 लोगों की मौत हुई है। कोरोना पर काबू पाने के बाद यहां जिंदगी पटरी पर लौट रही है। 50 लाख की आबादी वाले इस देश में खेलों का आयोजन शुरू हो चुका है। वहीं, बार और रेस्तरां में भी जा रहे हैं।
कोरोना वायरस पर कैसे पाया काबू?
प्रफेसर माइकल बेकर बताते हैं कि न्यूजीलैंड ने शुरू से साहसी और सख्त फैसले लिए। शुरुआत में ही काफी सख्त लॉकडाउन लगाया। अपनी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर जोर दिया। इसी का नतीजा है कि कई देशों में अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगा रही है, तो न्यूजीलैंड अपने यहां बेरोजगारी दर को 4 फीसद पर रखने में कामयाब रहा है।
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