
मंगलवार और शनिवार के दिन बजरंगबली की पूजा का बहुत महत्व है। ऐसा कहते हैं कि उनका जन्म मंगलवार के दिन हुआ था। शनिदेव को उन्होंने युद्ध में हराया था। शनि ने इनको आशीर्वाद दिया था कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनि का कष्ट नहीं होगा। महावीर हनुमान शारीरिक शक्ति के प्रतीक हैं। वह अतुलनीय पराक्रमी, बलवान और साहसी हैं तथा कलियुग में उनकी साधना पूरी तरह से फलदायक है। हनुमान जी दुष्ट शक्तियों और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने वाले हैं। उनकी शारीरिक शक्ति के सामने विपरीत परिस्थितियां और बाधाएं उसी प्रकार दब जाती हैं, जिस प्रकार पर्वत के नीचे छोटा-सा तिनका दब कर समाप्त हो जाता है।
इस मंत्र का जाप हर मंगलवार करें, इसमें अपार शक्ति है और शीघ्र फलदायी भी- ऐं क्लीं सौ: ओम् अं अंगारकाय नम:, ओम् क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
मंगलवार की शाम हनुमान जी के मंदिर में सिंदूरी प्रसाद चढ़ाएं। इस उपाय से जीवन की हर मुश्किल राह पर केसरी नंदन आपके साथ होंगे।
मंगलवार के दिन लाल चंदन, लाल गुलाब के फूल तथा रोली लें। इन सब चीजों को लाल कपड़े में बांधकर एक सप्ताह के लिए मंदिर में रख दें। घर पर धूपबत्ती किया करें। एक सप्ताह के बाद उन्हें घर की दुकान की तिजोरी में रख दें। धन अधिक आने लगेगा।
यह रखें पूजा में सावधानी
पूजा-अर्चना और व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
पूजा में चरणामृत का उपयोग न करें। शास्त्रों में इसका विधान नहीं है।
जो भोग हनुमान जी को चढ़ाया जाए, वह शुद्ध होना चाहिए।
दीपक और भोग में शुद्ध घी का ही प्रयोग करें।
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