
संसार में दान से बढ़कर श्रेष्ठ कोई कार्य नहीं। धन प्राप्ति के लिए मनुष्य प्राणों का मोह त्याग दुष्कर कठिन कार्य करता है, कष्ट से कमाए धन का ही दान संसार में सर्वश्रेष्ठ है। शुद्ध अंत:करण से सुपात्र को थोड़ा दान भी अनंत सुखदाई और फलदाई है। पुराणों के अनुसार, दान करते वक्त दान देने वाले का मुंह पूर्व दिशा की तरफ और दान लेने वाले का मुंह उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। आप जानते हैं दान देने से भी होती हैं इच्छाएं पूर्ण, लेकिन कई बार अनजाने में ऐसी वस्तुओं का दान कर दिया जाता है, जो दान कर्ता को पुण्य की बजाय पाप का हकदार बनाता है। जानें, कौन-सी वस्तुएं दान करने पर होती है क्या हानि
* आजकल अधिकतर लोग प्लास्टिक का सामान प्रयोग करते हैं। इन चीजों को स्वयं के प्रयोग के लिए तो खरिदें लेकिन इनका दान न करें क्योंकि इससे घर-परिवार की उन्नति और कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
* झाड़ू का दान करने से पैसा मेहमान बनकर आता है। सैविंग न के बराबर होती है और मां लक्ष्मी ऐसे जातक से सदा नाराज रहती हैं।
* शास्त्रों में स्टील के बर्तनों का दान करने के संबंध में कहीं कोई वर्णन नहीं मिलता। अत: इस धातु से बने किसी भी बर्तन का दान करने से बचें, अन्यथा आपके संबंध प्रभावित होंगे और घर में खुशहाली कभी अपना बसेरा स्थापित नहीं कर पाएगी।
* अपने पहने हुए कपड़े केवल किसी जरूरतमंद को दिए जा सकते हैं अन्य किसी ओर को नहीं अन्यथा महालक्ष्मी नाराज हो जाएंगी।
* तेल का दान करना शनि को प्रसन्नता देता है लेकिन खराब या उपयोग किए गए तेल का दान शनि के दंड का भागी बनाता है।
* ताजे खाने का दान जहां दैवीय कृपा दिलवाता है, वहीं बासी खाना किसी को दान करने से अशुभता का संचार होता है। घर में वाद-विवाद रहता है और धन कोर्ट कचहरी पर खर्च होता है।
* शिक्षण साम्रगी जैसे कॉपी, किताब, धार्मिक ग्रंथ का दान पुण्यों में वृद्धि करता है लेकिन अगर यह जर्जर स्थिती में हों तो इनका दान न करें। दान करने वाले के बने बनाएं काम बिगड़ जाते हैं, गलत निर्णय लेकर दुख भोगता है।
* धारदार और नुकीली वस्तुएं दान देने से बैड लक कभी पीछा नहीं छोड़ता।
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