कोलंबोः श्रीलंका में प्रतिबंधित संगठन लिट्टे के पक्ष में कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने के आरोप कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री रह चुकीं विजयकला महेश्वरन को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। संसद की तमिल सदस्य विजयकला (45) ने जून में जाफना के एक समारोह के दौरान कथित तौर पर कहा था कि उत्तरी प्रांत में कानून और व्यवस्था की स्थिति तेजी से खराब हो रही है और यहां के लोगों का मानना है कि वे लोग, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) द्वारा चलाए जा रहे समानांतर प्रशासन के दौरान बेहतर स्थिति में थे। उन्होंने कहा कि लिट्टे के समय में सामाजिक अपराध नहीं होते थे।
बता दें कि लिट्टे ने देश के उत्तरी और पूर्वी प्रांत में एक अलग तमिल राष्ट्र की मांग को लेकर करीब 30 साल तक एक सैन्य अभियान चलाया था। हालांकि 2009 में श्रीलंका की सेना ने इसके शीर्ष नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन को मार गिराया था जिसके बाद यह संगठन लगभग खत्म हो गया था। पुलिस प्रवक्ता एसपी रूवन गुनासेकर ने बताया कि पूर्व मंत्री विजयकला को सोमवार को सुबह पुलिस संगठित अपराध निरोधक डिवीजन में एक बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तरी तमिल क्षेत्र में बाल मामलों के मंत्रालय की राज्य मंत्री के रूप में काम कर रहीं विजयकला ने विवादित बयान को लेकर संसद में हुए हंगामे के बाद जुलाई में इस्तीफा दे दिया था। उनके खिलाफ जांच शुरू की गई. जांच का मुख्य बिंदु यह था कि क्या प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लिट्टे की खुलेआम तारीफ कर विजयकला ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला। विजयकला ने अपनी टिप्पणियों पर सफाई दी थी कि वह उत्तर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और उन्हें रोकने में पुलिस की अक्षमता को लेकर परेशान थीं।