
डोनाल्ड ट्रंप के गोल्फ पार्टनर स्टीव विटकॉफ, जिसे उन्होंने मिडिल ईस्ट का दूत बनाया है, उनके बेटे जैकरी विटकॉफ की क्रिप्टो कंपनी में पाकिस्तान ने पैसा लगाया है। इस कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप के दोनों बेटे और दामाद भी हिस्सेदार हैं।
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच चालीस साल पुराने पैटर्न की वापसी हो गई है। वही अमेरिकी फंड, पाकिस्तान का झांसा और भारत में आतंकवाद। पाकिस्तान का कट्टर मुल्ला जनरल असीम मुनीर अमेरिका से भारत को परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दे रहे हैं और अमेरिकी सेना पाकिस्तान की दोस्ती को दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं। जाहिर सी बात है पाकिस्तान एक बार फिर से अमेरिकी फंड से अपने विनाशकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्लान बना रहा होगा।
1980 के दशक में पाकिस्तान में अफगानिस्तान में मदद के नाम पर अमेरिका से अरबों डॉलर झांसा देकर ठगे और ISI ने अलकायदा की जड़ें जमाने में और मदद की, तालिबान को बढ़ाया और दर्जनों आतंकी संगठनों को जन्म दिया, जिनका मकसद भारत में आतंक फैलाना था। पाकिस्तान ने 2000 के दशक में भी यही खेल खेला, जब अमेरिका में राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का प्रशासन था। अमेरिका ने पाकिस्तान को ‘गैर-नाटो सहयोगी’ का दर्जा दे दिया। इस दौरान एक तरफ पाकिस्तान तालिबान का साथ दे रहा था और दूसरी तरफ फंड देने वाले अमेरिका के ही अपने जवान मर रहे थे। पाकिस्तान ने तालिबान के जिहादियों को सुरक्षित पनाहगाह, प्रशिक्षण और हथियार मुहैया कराए, जिनसे अमेरिकी सैनिक मारे गये। यह विश्वासघात कोई छुपी हुई बात नहीं थी, बल्कि ये पाकिस्तान की रणनीति थी। पाकिस्तान आज भी वही कर रहा है और अमेरिका, आज भी सबक नहीं सीखा है।
Home / News / क्रिप्टो से क्रूड ऑयल तक… अमेरिकी डॉलर से फिर भारत में आतंक फैलाएगा पाकिस्तान? 40 साल पुराना पैटर्न, फिर वही सौदा
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