ब्रिटेन के लंदन में अपनी तरह के पहले बैशाखी समारोह में इस सप्ताह संसद के दोनों सदनों में गुरबानी की भक्तिपूर्ण धुनों और सद्भाव के संदेशों की गूंज सुनाई दी। ब्रिटिश भारतीय थिंक टैंक ‘1928 इंस्टीट्यूट’ और प्रवासियों के संगठन ‘सिटी सिख्स एंड ब्रिटिश पंजाबी वेल्फेयर एसोसिएशन’ द्वारा सोमवार शाम को आयोजित इस समारोह में ‘कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन रूम’ में विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर, सामुदायिक नेता और समाजसेवी एकत्र हुए तथा ब्रिटेन-भारत संबंधों एवं ब्रिटिश जनजीवन में सिख समुदाय के योगदान पर प्रकाश डाला गया।
‘सिटी सिख्स’ के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने इस कार्यक्रम की अगुवाई की जिसमें कई वक्ताओं ने भाषण दिया एवं अनहद कीर्तन सोसायटी ने गुरबानी प्रस्तुत की। ‘1928 इंस्टीट्यूट’ की सह अध्यक्ष किरण कौर मंकू ने कहा, ‘‘वर्ष 1699 में श्री गुरू गोविंद सिंह जी द्वारा खालसा की स्थापना की वर्षगांठ के मौके पर मनाई जाने वाली बैसाखी का इस तरह का आयोजन वाकई में असली सम्मान है। बैसाखी खालासा की शुरुआत तथा उससे जुड़े उपदेशों को लेकर मनाई जाती है।
इन उपदेशों में ऊंच-नीच, अहंकार और भय को दूर करते हुए समानता पर बल दिया गया है। ” संसद में लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सदस्य तनमनजीत सिंह धेसी और इसी पार्टी के लिए एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र से संबंधित छाया मंत्री कैथरीन वेस्ट, बैरोनेस सैंडी वर्मा, दक्षिण एशिया मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद समेत विभिन्न दलों के सांसद भी इस समारोह में शामिल हुए। ऐसी आशा है कि यह समारोह संसदीय कैलेंडर में वार्षिक आयोजन के रूप में शामिल हो जाएगा।