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सलमान रुश्दी पर कातिलाना हमले में हादी मातर दोषी करार, 30 साल जेल की सजा तय, जानें कौन है हमलावर


न्यूयॉर्क में अगस्त 2022 में प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी पर हमला हुआ था। हमलावर हादी मातर को हत्या के प्रयास और हमले के आरोप में दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने मातर के निर्दोष होने के तर्क को नहीं माना। उसे तीस साल से ज्यादा सजा का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका के न्यू जर्सी शहर के रहने वाले हादी मातर को लेखक सलमान रुश्दी पर हमले के मामले में कोर्ट ने दोषी पाया है। मातर पर अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क में एक लेक्चर के दौरान रुश्दी की हत्या के प्रयास और हमले का आरोप लगा था। कोर्ट ने बहस के बाद आरोपों को ठीक पाया है। मातर को इस केस में 30 साल से ज्यादा की जेल होना तकरीबन तय है। कोर्ट उसकी सजा 23 अप्रैल को सुनाएगा। मातर ने रुश्दी के विवादित उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज के 35 साल बाद किया था। इस किताब की वजह से रुश्दी को जान से मारने की धमकियां मिली थीं और उन्हें कई साल तक छिपकर रहना पड़ा था।
सलमान रुश्दी पर 27 साल के हादी मातर ने कई बार चाकू से वार किया था। रुश्दी को इस हमले में गंभीर चोटें आई थीं। इसमें उनके लिवर को नुकसान हुआ, एक आंख की रोशनी चली गई और हाथ को भी लकवा मार गया था। न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट में दो हफ्ते तक चले मुकदमे के बाद शुक्रवार को जूरी ने मातर को दोषी पाया। जूरी ने मातर को इंटरव्यूअर हेनरी रीज पर हमले का भी दोषी पाया। रीज को इस दौरान सिर में चोट आई थी।
रुश्दी ने दी गवाही – इस मुकदमे में मातर ने लगातार खुद को निर्दोष बताया। वहीं 77 साल के रुश्दी ने कोर्ट में गवाही दी कि वह चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर थे कि हादी को अपनी ओर दौड़ते हुए देखा। एक पल के अंदर उसने मुझ पर हमला कर दिया। पहले मुझे लगा कि उसने मुक्का मारा गया लेकिन फिर एहसास हुआ कि वह चाकू से हमले कर रहा है। उसने मुझे 15 बार आंख, गाल, गर्दन, छाती, धड़ और जांघ में चाकू मारे।
सलमान रुश्दी के विवादों में आने की वजह 1988 में प्रकाशित उनका उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज है। इस उपन्यास ने मुसलमानों के एक वर्ग को नाराज कर दिया था। इस किताब पर कई देशों में प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके लिए रुश्दी को जान से मारने की धमकियां भी लगातार मिलती रही हैं। ईरान के एक धार्मिक नेता ने तो उनको मारने का फतवा भी जारी कर दिया था। इस हमले के पीछे भी यही उपन्यास माना गया था।