
हिंदू धर्म में हर तरह की पूजा-पाठ में विशेष मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। आपने आह्वान मंत्र, आरती मंत्र आदि मंत्रों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। आज हम आपको एेसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका जाप करने से सबका कल्याण होगा। कहते हैं कि यदि किसी के मन में किसी के प्रति द्वेष, अशुभ भाव आएं तो सभी के लिए मंगल कामना करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
कहा जाता है कि द्वेष-दुर्भाव किसी के लिए भी नहीं करना चाहिए। सबके कल्याण में अपना कल्याण समाया हुआ है। परमार्थ में स्वार्थ जुड़ा हुआ है, यह मान्यता रखते हुए हमें सर्वमंगल की व लोक कल्याण की आकांक्षा रखनी चाहिए।
मंत्र जाप विधि-
सब लोग दोनों हाथ पसारें, इन्हें याचना मुद्रा में मिला हुआ रखें। निम्नलिखित मंत्रोच्चार के साथ-साथ इन्हीं भावनाओं से मन को भरे रहें।
ॐ स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्तां, न्याय्येन मार्गेण महीं महीशाः ।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं, लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु॥१॥
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखमाप्नुयात्॥२॥
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