पाकिस्तान में इन दिनों आम चुनाव को लेकर गतिविधियां जोरों पर हैं। इस बार पाक के चुनाव कुछ खास हैं क्योंकि इसमें पहली बार पाकिस्तानी हिंदू महिला डॉ. सवीरा प्रकाश आगामी आम चुनाव में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले से खड़े होने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला उम्मीदवार बनने जा रही हैं। वहीं मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के एक नए राजनीतिक संगठन ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सवीरा प्रकाश ने 23 दिसंबर को पीके-25 की सामान्य सीट के लिए अपना नामांकन पत्र जमा किया। वह वर्तमान में जिले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। प्रकाश ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने डॉन को बताया कि उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि के कारण “मानवता की सेवा करना मेरे खून में है।”
उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना एक डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और असहायता का अनुभव करने के कारण उत्पन्न हुआ है। प्रकाश ने बताया कि वह क्षेत्र के गरीबों के लिए काम करने में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहती हैं। उनके पिता ओम प्रकाश, हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर, 35 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।प्रकाश की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर इमरान नोशाद खान ने एक्स पर लिखा, “डॉ. सवेरा प्रकाश बुनेर से पहली महिला उम्मीदवार हैं, जो एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि महिलाएं पहले इस क्षेत्र में चुनावी राजनीति में शामिल नहीं हुई हैं।” उन्होंने कहा, “रूढ़िवादिता को तोड़ने में मैं पूरे दिल से उनका समर्थन करता हूं।” पाकिस्तान का चुनाव आयोग सामान्य सीटों पर महिला उम्मीदवारों का कम से कम 5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व अनिवार्य करता है।
बता दें कि चुनावों को लेकर नामांकन प्रक्रिया 20 दिसंबर को शुरू हुई थी। शुरुआत में नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी समयसीमा शुक्रवार तय की गई थी, लेकिन पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने विभिन्न राजनीतिक दलों के अनुरोध पर इसे दो दिनों के लिए बढ़ा दिया। नेशनल असेंबली में 336 सीट होंगी, जिनमें 266 सामान्य, 70 आरक्षित होंगी। तय चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, निर्वाचन अधिकारी (RO) 25 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन पत्रों की जांच करेंगे।