
एक्वेरियम डैकोरेशन का हिस्सा तो है ही लेकिन इसे वास्तुशास्त्र के साथ भी जोड़ कर देखा जाता है। एक्वेरियम को वास्तुशास्त्र के अनुसार, सही स्थान और दिशा में रखा जाए तो परिवार में खुशनुमा माहौल बना रहता है। आजकल तो एक्वेरियम भी आपको बहुत सारे डिफरैंट और मॉडर्न स्टाइल में आसानी से मिल जाएंगे। घर में बाथरूम, किचन स्लैब और ऑफिस फर्नीचर के साथ एक्वेरियम की टचअप शानदार लुक देती है। एक्वेरियम को अंदर से डैकोरेट करने के लिए आप प्लास्टिक की छोटी-छोटी इंटें, कलरफुल स्टोन, खिलौने, आर्टिफिशयल प्लांट, लाइटनिंग के लिए छोटी-छोटी ट्यूबलाइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वास्तुशास्त्र से जुड़ी एक्वेरियम की खासियत- अगर आप वास्तुशास्त्र के नियमों पर विश्वास करते हैं तो इन बातों को याद रखें।
एक्वेरियम को बगुआ डाइग्राम की सहायता से सही दिशा और स्थान पर फिट करवाएं।
करियर और खुशहाली के लिए घर के नॉर्थ या ईस्ट साइट में भी एक्वेरियम रख सकते हैं। एक्वेरियम को रसोई या बैडरूम में रखने की गलती न करें। साथ ही घर के मध्य में भी एक्वेरियम स्थापित न करें।
प्राकृतिक रोशनी के नीचे एक्वेरियम रखने से मैंटली स्ट्रैस कम होता है। एक्वेरियम के अंदर बहते पानी की आवाज से घर में पजैसिव एनर्जी का प्रवाह होता है।
फेंगशुई एक्सपट्रस की मानें तो 8-9 नारंगी मछलियों के साथ एक काली मछली होनी चाहिए। एक गोल्ड फिश को भी बैस्ट माना जाता है। लाल और एक काली फिश को लक और खुशहाली से जोड़ कर देखा जाता है। एक्वेरियम में रखी जाने वाली मछलियों की संख्या 9 होनी चाहिए।
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