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अमेरिका ने भारत से मुंह मोड़ा तो मोदी सरकार उठाने जा रही खास कदम; निर्यातकों की मदद की तैयारी


वस्तु एवं सेवा कर के बाद, केंद्र सरकार अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों के लिए सहायता प्रदान करने की तैयारी कर रही है। डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे उद्योग प्रभावित हुए हैं।
केंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को तर्कसंगत बनाने के बाद अब अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों की मदद करने के लिए तैयार है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों के लिए जल्द ही कुछ योजनाएं घोषित की जा सकती हैं। इन योजनाओं का मकसद छोटे निर्यातकों की नकदी की समस्या को दूर करना, वर्किंग कैपिटल पर दबाव कम करना, नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नए बाजारों की खोज करते समय उत्पादन को जारी रखना है।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार कोविड-19 महामारी के दौरान छोटे उद्योगों को दी गई सहायता के समान एक मॉडल पर काम कर रही है। इसके साथ ही, केंद्रीय बजट में घोषित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को शुरू करने के प्रयास भी जारी हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो अमेरिकी टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें टेक्सटाइल, कपड़े, रत्न और आभूषण जैसे उद्योग शामिल हैं। इन उद्योगों के निर्यातक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इसके अलावा, चमड़ा, जूते, रसायन, इंजीनियरिंग सामान, कृषि और समुद्री उत्पादों के निर्यातकों को भी वैश्विक बाजारों में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार इन सभी क्षेत्रों को राहत देने के लिए योजना बना रही है। सरकार छोटे निर्यातकों की तरलता की समस्या को दूर करने पर ध्यान दे रही है। इसका मतलब है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि छोटे निर्यातकों के पास अपना व्यवसाय चलाने के लिए पर्याप्त पैसा हो। सरकार कार्यशील पूंजी पर दबाव को भी कम करने की कोशिश कर रही है। वर्किंक कैपिटल वह पैसा है जो एक कंपनी को अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को चलाने के लिए आवश्यक होता है।