पिछले साल भारत में अमेरिका के राजदूत रहे गार्सेटी ने कहा था कि “उन्होंने (भारत ने) रूसी तेल इसलिए खरीदा क्योंकि हम चाहते थे कि कोई एक निश्चित मूल्य सीमा पर रूसी तेल खरीदे। यह कोई उल्लंघन या ऐसा कुछ नहीं था। यह दरअसल नीति का ही एक हिस्सा था, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि तेल की कीमतें बढ़ें।
अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड एक बार फिर से बेनकाब हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप एक तरफ रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ आग उगल रहे हैं, जबकि ये उसी अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, जो चाहता था कि भारत, रूस से कच्चे तेल का आयात करे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर से भारत को धमकी देने की कोशिश की है। उन्होंने रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ टैरिफ में लगातार इजाफा करने की बाक कही है। ट्रंप के इस बयान पर पहली बार विदेश मंत्रालय की तरफ से कड़ा रूख देखा गया है। उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, कि अमेरिका ने अतीत में भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया है।
इस बीच बाइडेन कार्यकाल में दिल्ली में रहे अमेरिका के पूर्व राजदूत एरिक गार्सेटी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे 2024 में रूसी तेल खरीदने के लिए नई दिल्ली की सराहना कर रहे हैं। एरिक गार्सेटी, जो डोनाल्ड ट्रंप की वाइट हाउस वापसी तक भारत में अमेरिका के राजदूत थे, वो वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि “भारत ने रूसी तेल इसलिए खरीदा क्योंकि हम (अमेरिका) चाहते थे कि कोई रूसी तेल खरीदे, लेकिन तय मूल्य सीमा पर।”
Home / News / भारत ने रूसी तेल इसलिए खरीदा क्योंकि हम ऐसा चाहते थे… पूर्व अमेरिकी राजदूत का वीडियो वायरल, अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड बेनकाब