
यूक्रेन के राजदूत ने रूसी तेल खरीद को भारत की संप्रभुता का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जिससे दोनों देशों के दीर्घकालिक संबंधों पर असर पड़े और यूक्रेन इसे लेकर कोई दबाव नहीं डाल रहा है।
अमेरिका ने बुधवार को भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को दोगुना करके 50% कर दिया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत को दंडित करने के लिए उठाया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि भारत सस्ती दरों से तेल खरीदकर यूक्रेन में रूस के युद्ध अभियान को बढ़ावा दे रहा है। दिलचस्प बात ये है कि जिस यूक्रेन के नाम पर ट्रंप भारत पर दबाव बना रहे हैं, उसने खुद भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर दबाव डालने से इनकार किया है। भारत में यूक्रेन के राजदूत ने खुद इस बात का खुलासा किया और भारत की संप्रभुता को स्वीकार किया।
द प्रिंट को दिए एक साक्षात्कार में नई दिल्ली में यूक्रेनी राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने बताया कि यूक्रेन समझता है कि भारत एक संप्रभु देश है और रूसी तेल खरीद के मामले में उसे अपने ‘राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी।’ उन्होंने आगे कहा कि कीव, मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद को लेकर नई दिल्ली पर ‘दबाव’ नहीं डाल रहा है। इससे पैदा होने वाले किसी भी मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा की जा सकती है और उसका समाधान किया जा सकता है।
भारत पर यूक्रेन का दबाव नहीं – पोलिशचुक ने यह इंटरव्यू यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के बाद दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘यह कहना आसान नहीं है कि भारत को कैसा व्यवहार करना चाहिए। हम भारत सरकार पर दबाव नहीं डाल रहे हैं। आप (भारत) एक संप्रभु देश हैं और आपको निश्चित रूप से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी। लेकिन यूक्रेन और हमें भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी।’
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