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भारत सबूत तो दे… भारत के सिंधु समझौते पर रोक के फैसले से बौखलाए पाकिस्तानी विदश मंत्री, बोले- ये ठीक नहीं हो रहा


इशाक डार का कहना है कि भारत ने जो कदम उठाए हैं, वो पूरी तरह से उसके गैरजिम्मेदार होने को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है। उसने एकतरफा तरीके से सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रोकने का निर्णय लिया है। भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद किया जा रहा है। भारत की ओर से उठाए गए इन कदमों को पाकिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और विदेश मंत्री इशाक डार ने आलोचना की है। डार का कहना है कि भारत की प्रतिक्रिया ‘गैर-गंभीर और अनुचित’ है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान पर आरोप लगाने के साथ सबूत भी देना चाहिए।
डार ने पाकिस्तान के एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि भारत ने अपनी जमीन पर हुई आतंकवादी घटनाओं को पाकिस्तान से जोड़ा है लेकिन इसका कोई सबूत देने में वह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की यह पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराता है। इस बार भी उसने ऐसा ही किया है। भारत की घोषणाएं गंभीरता की कमी को दर्शाती हैं।
पाकिस्तान में उच्चस्तरीय बैठक – डार ने बताा कि गुरुवार को एक राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रिया तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत के बयान अनुचित हैं और NSC एक व्यापक जवाब जारी करेगा। डार ने भारत के हालिया राजनयिक कदमों को जल्दबाजी और भावनात्मक रूप से प्रेरित बताया।
इशाक डार ने कहा कि भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला बिल्कुल ही गैर जिम्मेदारा है। ये कोई ऐसी संधि नहीं है, जिसे भारत खुद से खत्म करने की घोषणा कर दे। सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी। इस संधि के तहत सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा किया गया है।