
शहबाज शरीफ ने कहा कि “हम सभी अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय संधियों का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सभी एससीओ सदस्य भी इसी तरह के सिद्धांतों का पालन करेंगे।” डॉन ने कहा है कि उनका इशारा एससीओ सदस्य भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले की तरफ था।
शंघाई सहयोग संगठन यानि SCO शिखर सम्मेलन में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी डिप्लोमेटिक हार मानी जा रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पहली बात तो ये कि ये सम्मेलन इस बार चीन में हो रहा है और दूसरी बात ये, कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं, जिसका ग्लोबल कवरेज हो रहा है। शहबाज शरीफ की पाकिस्तान में काफी आलोचना की जा रही है, क्योंकि वो सिर्फ दो या तीन ही द्विपक्षीय बैठक भी कर पाए, जिनमें से एक तुर्की के साथ था। इस दौरान यहां तक देखने को मिला है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी कुछ मौकों पर उन्हें नजरअंदाज किया है।
एससीओ के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को खूब फटकार लगाई है। जिसके बाद एससीओ के ज्वाइंट स्टेटमेंट में बिना पाकिस्तान का नाम लिए सीमा पार आतंकवाद की आलोचना की गई है, जिसमें जोर इस बात पर दिया गया है कि आतंकवादियों और आतंकवादियों के प्रायोजकों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाए। जिसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि ‘पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध रखना चाहता है और वो सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है।’
Home / News / सिंधु जल समझौता, भारत से बातचीत, CPEC… आतंकवाद पर पीएम मोदी की फटकार के बाद पाकिस्तान के PM शहबाज ने दी सफाई
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