वेलिंगटन. न्यूजीलैंड के पीएम जॉन की ने आज सोमवार को पद से अचानक इस्तीफे का एलान कर सभी को चौंका दिया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह बहुत ही कठिन फैसला है। मैं पारिवारिक कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं, ये एक बड़ी वजह है, लेकिन और भी कई कारण हैं। हालांकि मेरे लिए राजनीति छोड़ने का यह सही समय है।’ जॉन ने कहा, ‘मैंने अपने सबसे करीबी लोगों, अपनी फैमिली के लिए यह फैसला लिया है। मेरे बालिग बच्चों को अपने पिता के जॉब के चलते बेहद दबाव और दखलंदाजी का सामना करना पड़ता है।’
और क्या कहा जॉन की ने…
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जॉन की ने कहा- मैं हमेशा नई प्रतिभा को आगे आते देखना चाहता हूं, इसीलिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’
– ‘मैंने अभी फ्यूचर के लिए कोई योजना नहीं बनाई है, लेकिन मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बना रहूंगा ताकि मेरी कॉन्सिटीट्वेंसी को अगले साल होने वाले जनरल इलेक्शन से पहले चुनाव का सामना न करना पड़े।’
– ‘नेशनल पार्टी कॉकस 12 दिसंबर को मीटिंग करेगा, उसी दिन नए पार्टी लीडर और नए पीएम का चुनाव किया जाएगा।’ माना जा रहा है कि उसी दिन जॉन ऑफिशियली अपना इस्तीफा दे देंगे।
– माना जा रहा था कि जॉन अगले साल अपना चौथा जनरल इलेक्शन भी लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता था कि वह गलती न करूं जो दुनिया के बाकी नेताओं ने की, इसीलिए राजनीति में टॉप पर होने के बावजूद मैं पद छोड़ रहा हूं।’
– बता दें कि 55 साल के जॉन की 19 नवंबर 2008 को न्यूजीलैंड के 38वें पीएम चुने गए थे।
और क्या कहा?
– जॉन की ने कहा, 8 साल तक काम करने के बाद यह आगे बढ़ने का बिल्कुल सही समय है।
– यह बेहद कठिन फैसला है और मुझे नहीं पता अब मैं आगे क्या करूंगा। पार्टी और देश का नेता रहते हुए मेरे अनुभव शानदार रहे।
– जॉन की ने इस्तीफा देते हुए इस बात की तरफ इशारा किया कि वो अब अपना वक्त पत्नी और परिवार के साथ बिताएंगे।
– कहा, ‘मैंने अपने सबसे करीबी लोगों, अपनी फैमिली के लिए यह फैसला लिया है। मेरे बच्चों को अपने पिता के जॉब के चलते बेहद दबाव का सामना करना पड़ा।’
– ‘मैंने पिछले कई सालों से देखा है कि इस स्थिति में कई नेता हैं जो ऐसा फैसला नहीं ले सके। मैं समझ सकता हूं ऐसा क्यों था क्योंकि यह एक कठिन काम है।’
25 अक्टूबर को गए थे भारत
– जॉन की इसी साल 25 अक्टूबर को भारत के 3 दिन के दौरे पर गए थे।
– इस दौरान जॉन और नरेंद्र मोदी के बीच एनएसजी में भारत की एंट्री पर बात हुई थी।
– भारत ने एनएसजी के लिए न्यूजीलैंड से सपोर्ट मांगा था।
कौन होगा नया पीएम?
– जॉन के इस्तीफे के बाद अब बिल इंग्लिश को नए पीएम के रूप में प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
– जॉन ने कहा- ‘मैं अपने डिप्टी बिल इंग्लिश का नए रोल के लिए सपोर्ट करूंगा।’
– राजनीति में जॉन की एंट्री काफी देर से हुई थी। 2002 में वो पार्लियामेंट पहुंचे। 2006 में रूलिंग नेशनल पार्टी के लीडर चुने गए। इसके बाद 2008 में लेबर पार्टी के शासन को खत्म करते हुए वो पीएम बने।
– जॉन ने अपनी पॉपुलैरिटी को बरकरार रखते हुए 2011 और 2014 का चुनाव भी जीता था।