
बोस्टन: पहली बार गुरत्वीय तरंग का पता लगाने वाले लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेभ आब्जर्वेटरी (लीगो) के जुड़वा डिटैक्टरों को फिर से शुरू कर दिया गया है और वैज्ञानिकों को आशा है कि इससे भविष्य में ब्लैक होल के रहस्य को सुलझाने में मदद मिल सकती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने लीगो के लेजर, इलैक्ट्रॉनिक्स और प्रकाशिकी को और उन्नत बनाया है। साथ ही वेधशाला की संवेदनशीलता में भी 10 से 25 फीसदी तक का इजाफा किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि डिटैक्टर अब गुरूत्वीय तरंगों और उनके कारकों का पता लगा सकेंगे। पिछले वर्ष के 14 सितंबर को विज्ञान जगत में उस वक्त हलचल मच गई थी जब पहली बार लीगो की मदद से गुरत्वीय तरंगों का पता लगाया गया था।
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