
एक्सपर्ट्स HQ-29 की अमेरिका के स्टैंडर्ड मिसाइल-3 (SM-3) और रूस के S-500 या PL-19 नुडोल जैसे इंटरसेप्टर सिस्टम्स से तुलना कर रहे हैं। HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम के आने से साफ है कि चीन का फोकस सिर्फ एशिया-प्रशांत क्षेत्र तक सीमित नहीं है। बल्कि वो अंतरिक्ष और ग्लोबल मिसाइल डिफेंस नेटवर्क का एक मजबूत खिलाड़ी बन गया है।
चीन के जिस HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर अभी तक जो अफवाहें फैली थीं वो अब सामने आ गई हैं। बीजिंग में तीन सितंबर को होने वाले मिलिट्री डे परेड से पहले HQ-29 को ग्राउंड तक जाते देखा गया है। HQ-29 अभी तक एक रहस्यमय डिफेंस सिस्टम बना था और सोशल मीडिया पर सिर्फ अटकलें लगाई जा रही थीं। कई रिपोर्ट्स में दावे किए गये थे कि चीन ने HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम का टेस्ट कर लिया है, और अब वो दावे सच साबित हुए हैं।
बीजिंग की सड़कों पर परेड रिहर्सल से पहले HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम को एक छह-एक्सल लॉन्च व्हीकल पर मिसाइल कंटेनरों के साथ जाते देखा गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 1.5 मीटर व्यास वाले इन कंटेनरों में मौजूद इंटरसेप्टर्स मिसाइलें चीन के पास मौजूदा HQ-9 और HQ-19 फैमिली की एडवांस इंटरसेप्टर्स हैं। दावा किया जा रहा है कि चीन को हाई-एल्टीट्यूड बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस के साथ-साथ लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट इंटरसेप्शन की क्षमता भी इससे हासिल होती है। यही वजह है कि चीनी मीडिया ने इसे “डबल बैरल सैटेलाइट हंटर” के नाम से पुकारना शुरू कर दिया है।
HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता कितनी है? – HQ-29 एयर डिफेंस सिस्टम के साथ ही चीन ने एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ एक मजबूत शील्ड तैयार कर ली है। हालांकि चीन के पास फिलहाल मौजूद HQ-19 इंटरसेप्टर, अमेरिकी THAAD की तरह, सीमित ऊंचाई पर बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है, जबकि HQ-9 मुख्य रूप से टर्मिनल डिफेंस पर ऑब्जेक्ट्स को इंटरसेप्ट करता है। रिपोर्ट के मुताबिक HQ-29 की रेंज 500 किलोमीटर से भी ज्यादा है, जिससे ये ना सिर्फ एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकता है, बल्कि ये रूसी एस-500 एयर डिफेंस की तरह सैटेलाइट और अंतरिक्ष में मौजूद लक्ष्यों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है।
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