
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे रायसीना डायलॉग के उद्घघाटन के मौके पर कहा कि इस मौके पर आप लोगों से बात करना बड़ी बात है। पीएम ने कहा कि मई 2014 में मेरे साथी भारतीयों ने परिवर्तन के जनादेश के साथ हमारी सरकार को मौका दिया। अलग-अलग वजहों से दुनियाभर में बड़े बदलाव हो रहे हैं। मोदी ने इस मौके पर कहा कि सबका साथ, सबका विकास केवल भारत के लिए नहीं है बल्कि पूरे विश्व के लिए है।
हम भारत को आगे बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत से बातचीत करना चाहता है तो उसे आतंकवाद से दूर चलना चाहिए। मैं खुद लाहौर गया लेकिन भारत अकेला शांति के रास्ते पर नहीं चल सकता। पीएम ने कहा कि हम पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं। पिछले अढ़ाई साल में हमने शांति के लिए काम किया है। अफगानिस्तान में इसकी मिसाल देखी जा सकती है।
चीन के साथ संबंधों पर पीएम ने कहा कि 2 शक्तिशाली पड़ोसी देशों के बीच कुछ मतभेद होना अस्वाभाविक नहीं है। पीएम ने कहा कि हमने नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी विकास के लिए सहयोग पर बात की है। रूस पर मोदी ने कहा कि वो भारत का एक स्थायी दोस्त है। आतंक पर पीएम ने कहा कि जो भी हमारे पड़ोसी हिंसा, घृणा और आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं, वे अलग और नजरअंदाज किए गए हैं।
रायसीना डायलॉग में 65 देशों के प्रतिनिधि शामिल
भारत के महत्वाकांक्षी भू-राजनीतिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग में 65 देशों के 250 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन में नई चुनौतियों एवं साइबर सुरक्षा सहित कई रणनीति मुद्दों पर मंथन होगा। पिछले साल मार्च में रायसीना डायलॉग के सफल आयोजन के बाद विदेश मंत्रालय ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के साथ मिलकर इस सम्मेलन के दूसरे संस्करण का आयोजन कर रहा है. इस सम्मेलन का थीम ‘दि न्यू नॉर्मल: मल्टीलेटरलिज्म विद मल्टी-पोलैरिटी’ है।
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