
भारत और अमेरिका के रिश्ते आज काफी नाजुक स्थिति में है। भारत को तात्कालिक नुकसान काफी हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक नुकसान से अमेरिका भी नहीं बचेगा। इस झगड़े से जाहिर तौर पर चीन को फायदा होगा और चीन, सिर्फ भारत के लिए खतरा साबित नहीं होगा, अमेरिका भी जद में आएगा।
यूक्रेन में युद्ध मोदी का युद्ध है… भारत बहुत घमंडी है… भारत यूक्रेन में नरसंहार करवा रहा है… ये कुछ ऐसे वाक्य हैं, जिसने भारत और अमेरिका की साझेदारी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। ये कुछ ऐसे वाक्य हैं.. जो आज से 30-40 सालों के बाद भी भारत और अमेरिका के रिश्तों में खाज की तरह खुजली करते रहेंगे। और इन वाक्यों के सृजनकर्ता डोनाल्ड ट्रंप के ‘शुंभ निशुंभ’ यानि पीटर नवारो और स्कॉट बेसेंट हैं। पीटर नवारो वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के कारोबारी सलाहकार हैं, जबकि स्कॉट बेसेंट अमेरिका के वित्त मंत्री हैं। पिछले करीब एक महीने से ये दोनों अमेरिकी चैनलों पर बैठकर भारत के खिलाफ विष उगल रहे हैं।
गुरुवार को पीटर नवारो ने यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ बताया, जबकि अभी तक अमेरिकी नेता यूक्रेन युद्ध को ‘पुतिन का युद्ध’ कहकर संबोधित कर रहे थे। उनकी बयानबाजी उस वक्त भी जारी है, जब अमेरिका का 50 प्रतिशत टैरिफ एक्टिवेट हो चुका है। लेकिन ये दोनों इतने से भी तैयार नहीं हैं। हालांकि भारत ने रूसी तेल खरीदने की वजह से लगाए गये जुर्माने को खारिज कर दिया और अमेरिका के डबल स्टैंडर्ड की निंदा की है, क्योंकि चीन भारत से ज्यादा रूसी तेल खरीदता है और चीन पर इस वजह से कोई टैरिफ नहीं है। नवारो ने बीजिंग और मॉस्को के साथ भारत के बढ़ते आर्थिक संबंधों के प्रति चेतावनी देते हुए कहा कि ‘इससे वैश्विक स्थिरता को खतरा होगा।’ यानि ऐसा लग रहा है कि अमेरिका ही वैश्विक शांति का इकलौता ठेकेदार है।
Home / News / नवारो का प्रहार, बेसेंट का ‘शांति राग’, टैरिफ की तलवार… भारत-US के बर्बाद हो गये रिश्ते? ट्रंप के ‘शुंभ निशुंभ’ की रणनीति समझें
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