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नूर खान को धुआं-धुआं कर दिया… भारतीय हमले में बर्बाद हुआ पाकिस्तानी एयरबेस, पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों से है जुड़ा


भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सबसे सुरक्षित समझे जाने वाले एयरबेस में से एक नूर खान को निशाना बनाया था, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई। पाकिस्तानी सेना ने इसे छिपाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अब सच सामने आ गया है।
पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) की रीढ़ माना जाता है। इस्लामाबाद से 25 किलोमीटर दूर और सेना मुख्यालय से सटे इस एयरबेस पर पाकिस्तानी वायु सेना के एलीट परिवहन बेड़े के साथ ही कमांड सेंटर और तुर्की से मिले ड्रोन हैं। इसके साथ ही इस एयरबेस के पाकिस्तान के परमाणु हथियार और गतिशीलता नेटवर्क से जुड़े होने का शक है। यही वजह है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पर जब इस एयरबेस को निशाना बनाया गया तो पाकिस्तान में हंगामा मच गया। पाकिस्तान की संसद में भी इस पर सवाल उठे और देश के लिए शर्मनाक घटना बताया गया। सैटेलाइट तस्वीरे इस एयरबेस पर हुए नुकसान के बारे में बता रही हैं।
एयरबेस को हुआ भारी नुकसान – सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि भारतीय हमले में 7000 वर्ग फीट का ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स और कमांड वाहन नष्ट हो गए हैं। इसके साथ ही संवेदनशील या परमाणु संपत्तियों को रखने वाले क्षेत्रों के पास गड्ढे भी नजर आए हैं। न्यूज 18 की रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय हमलों में नूर खान एयरबेस का रनवे, रेडार स्टेशन, हैंगर और भूमिगत किलेबंद क्षेत्रों समेत प्रमुख बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया गया।
अमेरिका का किला है एयरबेस – इस बीच एक पाकिस्तानी सुरक्षा विश्लेषक ने नूर खान एयरबेस को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। पाकिस्तानी विश्लेषक इम्तियाज गुल ने एक वीडियो में कहा कि एयरबेस ‘अमेरिका का किला’ है। यहां पाकिस्तानी सेना के जवान भी नहीं जा सकते। उन्होंने बताया कि अमेरिकी विमान और गुप्त कार्गो इस एयरबेस पर उतरते हैं और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी उनकी जांच भी नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि 2001 से अमेरिका और पाकिस्तानी सेना के बीच एयरबेस को लेकर गुप्त समझौता है।
परमाणु ठिकाने से जुड़ा – पाकिस्तानी सेना लगातार इस एयरबेस पर नुकसान को कम करके दिखाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए उसने जानबूझकर मलबा हटाने में देरी की है, लेकिन हाई-रेजोल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों और खुफिया एजेंसियों ने बड़े नुकसान की पुष्टि की है। बताया गया है कि हमले में पाकिस्तान की वायुसेना के लगभग 20 प्रतिशत परिचालन बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। सबसे अहम बात ये है कि यह बेस पाकिस्तान की परमाणु संपत्तियों के बहुत करीब है, ऐसे में किसी भी तरह का खुलासा अमेरिका और पाकिस्तान के सहयोग के बारे में लंबे समय से चल रहे शक को मजबूत कर सकता है।