
लाहौर: पंजाब के कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने आज दावा किया कि आत्मघाती हमलावर के निशाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ की बैठक थी। सनाउल्लाह ने पहले कहा था कि उस हमले के निशाने पर पुलिसकर्मी थे जिसकी जिम्मेदारी जमात उल अहरार ने ली है जो कि तहरीके तालिबान पाकिस्तान से अलग हुआ समूह है।
सनाउल्लाह ने गुप्तचर जानकारी के हवाले से कहा, ‘‘आत्मघाती हमलावर के निशाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ की बैठक थी।’’ मुख्यमंत्री की बैठक कल शाम में साढ़े सात बजे होनी थी लेकिन विस्फोट के बाद उसे रद्द कर दिया गया। एक किशोर आत्मघाती हमलावर ने उन वरिष्ठ पुलिसकर्मियों के पास पहुंचकर स्वयं का विस्फोट करके उड़ा लिया जो कल मॉल रोड स्थित पंजाब विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे केमिस्ट से बातचीत कर रहे थे। इस विस्फोट में करीब 13 व्यक्ति मारे गए जिसमें अधिकतर पुलिसकर्मी थे। वहीं इसमें 80 से अधिक अन्य व्यक्ति घायल हो गए।
वहीं कुछ अन्य प्रांतीय मंत्री जईम कादरी और सलमान रफीक और पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक मुश्ताक सुखेरा ने दावा किया है कि आत्मघाती हमलावर के निशाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थे। सनाउल्लाह के ताजा दावे के बारे में टिप्पणी पूछे जाने पर लाहौर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कानून मंत्री के दावे के उलट पीटीआई से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की बैठक साढ़े सात बजे होनी थी जबकि विस्फोट छह बजकर 10 मिनट पर हुआ।’’ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के कई घेरे होते हैं और आत्मघाती हमलावर उनके कार्यालय की इमारत तक भी नहीं पहुंच सकता। सनाउल्लाह ने कहा कि आत्मघाती हमलावर का सिर पुलिस को मिल गया है।
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