
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद में एक एेसा विधेयक पारित हो सकता है जिससे सैन्य अदालतों में दो और वर्ष की अवधि के लिए सुनवाई वैध हो जाएगी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार शुक्रवार को सांसदों के समक्ष इस विधेयक का मसौदा पेश कर सकती है।इस बात के संकेत मिले हैं कि राष्ट्रीय असेंबली में संवैधानिक संशोधन का सर्वसम्मति से समर्थन किया जाएगा।
सेना को मिल जाएगा यह अधिकार
इस संशोधन से सेना को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह आतंकवाद से संबंधित आरोपों पर किसी भी संदिग्ध पर मुकदमा चला सकें। वर्ष 2015 में इसी तरह के संशोधन में सैन्य अदालतों को दो वर्ष के लिए संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ सुनवाई करने की मंजूरी दी गई थी। इस मंजूरी की अवधि जनवरी में समाप्त हो गई। दिसंबर 2014 में पेशावर के एक स्कूल पर तालिबान के हमले के बाद 2015 में सैन्य अदालतों को यह अनुमति दी गई थी। इस हमले में 154 लोग मारे गए थे जिनमें से ज्यादातर स्कूली छात्र थे। सेना ने कहा कि पिछली दो वर्ष की अनुमति के दौरान 274 मामले सैन्य अदालतों में भेजे गए, जिनमें 161 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई।
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