
ब्रसेल्स: पेरिस में 2015 के आतंकवादी हमलों के एकमात्र जीवित बचे संदिग्ध सालेह अब्दुस्सलाम (28) को सुनवाई के पहले दिन कड़ी सुरक्षा के बीच बीती रात पैरिस के निकट की एक जेल से यहां अदालत में लाया गया। पिछले लगभग 2 सालों से जेल में बंद अब्दुस्सलाम ने ब्रसेल्स की अदालत में पेश होने के बाद सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। उसने कहा, ‘मैं आपसे भयभीत नहीं हूं। मैं आपके सहयोगियों से भी नहीं डरता। मेरा अल्लाह पर भरोसा है।’ अब्दुस्सलाम ने जेल में दाढ़ी बढ़ा ली है और तस्वीर लेने से इंकार करने के बाद उसका स्कैच बनाया गया।
अब्दुस्सलाम ने कहा,‘मेरी चुप्पी मुझे अपराधी नहीं बनाती है। यह मेरा बचाव है। मुसलमानों के साथ बुरी तरह से व्यवहार किया जाता है। मासूमियत की कोई कद्र नहीं है।’ अब्दुस्सलाम ने खुद की तस्वीर लेने या वीडियो बनाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। अब्दुस्सलाम को मार्च, 2016 में गिरफ्तार किया गया था। जज ने जब उससे सवाल किया कि तो उसने कहा कि वह सहयोग नहीं करेगा।
पेरिस हमलों के 4 महीनों बाद अब्दुस्सलाम को पकड़ा गया था। इसको पकड़े जाने से 3 दिन पहले गोलीबारी में 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान एक जेहादी भी मारा गया था। सुनवाई के दौरान अब्दुस्सलाम ने खड़े होने से भी इंकार कर दिया था। जब जज ने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहा है, तो उसने जवाब दिया, ‘मैं थका हुआ हूं, मैं सो नहीं पाया था।’ दोषी करार दिए जाने पर अब्दुस्सलाम और उसके साथ पकड़े गए ट्यूनीशियाई नागरिक सुफियान अयारी को 40 साल की सजा हो सकती है।
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