
सनातन धर्म में किसी भी पूजा-अनुष्ठान में चावल का अत्यधिक महत्व है। वैसे तो और भी बहुत सारी ऐसी वस्तुएं हैं, जिनके अभाव में पूजन अधूरा माना जाता है लेकिन चावल छोटे से बड़े हर शुभ काम में इस्तेमाल किया जाता है। ज्योतिषीय उपायों में तो यह बहुत कारगार माना गया है। खासतौर पर यदि आपकी जेब या पर्स खाली रहता है तो बह्म मुहूर्त में महालक्ष्मी के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं। चावलों को हल्दी में थोड़ा जल मिला कर पीला करके 21 दानों को अलग कर लें, अब उन्हें किसी लाल रंग के रेशमी कपड़े में बांधें और छोटी-सी पोटली बना लें। विधि-विधान से लक्ष्मी पूजन करने के बाद इस पोटली को धन रखने के स्थान, जेब या पर्स में रखें। जिन लोगों ने इस उपाय को अपनाया है, उनके अनुसार इस उपाय को करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है, मानो कुबेर देव ने अपने हाथों से खजाने का द्वार खोल दिया हो। धन संबंधित किसी भी तरह की समस्या का हल करने में ये उपाय सक्षम है।
पितृदोष होने पर कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती। इन सब से मुक्ति हेतु चावल की खीर अौर रोटी कौवे को खिलाएं। इससे पितर खुश होकर अपना आशीर्वाद देंगे अौर रुके कार्य बनने लगेंगे।
नौकरी नहीं मिल रही या अॉफिस में परेशानी चल रही है तो मीठे चावल बनाकर कौवे को खिलाएं। इससे शीघ्र नौकरी मिलने के योग बनते हैं।
कुंडली के मंगल दोष को शांत करने के लिए पके हुए चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार कर भोलेनाथ की पूजा करें।
ध्यान रखें
कोई भी उपाय करने से पहले ध्यान रखें की चावल खंडित न हों।
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