बांग्लादेश सेना में बगावत की अटकलें तेज हैं। इस्लामिस्ट रुख के लिए मशहूर लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान कथित तौर पर इसे अंजाम देने के लिए समर्थन मांग रहे हैं। वह मौजूदा सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां की जगह लेना चाहते हैं। जमा मध्यमार्गी सोच के माने जाते हैं।
बांग्लादेश की सेना में तख्तापलट की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि देश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार उज जमां को हटाया जा सकता है। कट्टरपंथी इस्लामी रुख वाले लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर्रहमान कथित तौर पर इस योजना को अंजाम दे सकते हैं। इसके लिए वह मौजूदा सेना प्रमुख जमां के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक और मेजर जनरल मुहम्मद मोइन खान का नाम भी इस साजिश में उछल रहा है।
सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर्रहमान जनरल जमां को हटाते हुए सेना की कमान संभालने की साजिश रच रहे हैं। रहमान ने पिछले हफ्ते पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई प्रमुख से मुलाकात की है। रहमान के पास अभी सैनिकों की कमान नहीं है लेकिन वो सेना के अंदर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। रहमान बांग्लादेशी सेना की खुफिया शाखा DGFI से समर्थन पाने की कोशिश में भी लगे हैं।
कट्टरपंथियों को नहीं भा रहे हैं जमां – मौजूदा सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां मध्यमार्गी सोच रखते हैं। वो भारत के प्रति सकारात्मक रवैया रखना चाहते हैं। वो सेना को बांग्लादेश की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण संस्था मानते हैं। इसलिए देश में इस्लामवादियों के पूर्ण नियंत्रण को रोक रहे हैं। पिछले साल 5 अगस्त को जब भीड़ ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास पर हमला किया था तो उन्होंने हसीना को सुरक्षित निकलने में मदद की थी। ये सब कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आ रहा है।
बांग्लादेश सेना में एक और ताकतवर व्यक्ति लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक हैं, जिनका नाम तेजी से सामने आया है। हक ने 2022 के विजय दिवस परेड की कमान संभाली थी। इससे पहले वो सेना मुख्यालय में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया जा पुका है। हक सेना मुख्यालय में हथियार, उपकरण और सांख्यिकी निदेशालय निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं।
बांग्लादेश में उथलपुथल का लंबा इतिबास – बांग्लादेश में बीते साल से भारी राजनीतिक उथल-पुथल मची है। बांग्लादेश मे इस तरह की उथल पुथल का पुराना इतिहास रहा है। बांग्लादेश में सेना सत्ता में हस्तक्षेप करती रही है। सेना में हलचल ने राजनीतिक हलकों में भी चिंता बढ़ाई है। सेना में बगावत से देश में अस्थिरता और ज्यादा बढ़ सकती है। इसका भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है।
Home / News / बांग्लादेश सेना में तख्तापलट की तैयारी! कट्टरपंथी फैजुर्रहमान कर रहे आर्मी चीफ को हटाने की साजिश, बड़ा दावा