
7 मार्च को हो रहा राहू व केतू का गोचर आपकी प्रोफैशनल लाइफ और रिश्तों के साथ-साथ आपकी सेहत पर भी असर करेगा। मैडीकल एस्ट्रोलॉजी के लिहाज से आज हम राशि के हिसाब से राहू-केतू के आपके शरीर पर पडऩे वाले असर का विश्लेषण करेंगे। राहू-केतू के राशि परिवर्तन से 6 राशियों के जातकों को बीमारी से कुछ हद तक राहत मिलेगी लेकिन मिथुन व धनु राशि में राहू-केतू के आगमन व तुला, मेष, कुंभ व सिंह राशियों पर पडऩे वाली इनकी दृष्टि से इन राशियों के जातकों को शारीरिक समस्या हो सकती है।
मेष : इस राशि के जातकों को कानों से जुड़ी समस्या हो सकती है। तीसरे भाव का राहू सातवें घर को भी देखेगा। लिहाजा गुर्दों से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। पेशाब में परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। खान-पान पर ध्यान रखने से बीमारियों से बचा जा सकता है।
वृष : केतू की दृष्टि हटने से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, हालांकि इस राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव का राहू चेहरे पर चोट का कारण बन सकता है। आंखों की रोशनी की समस्या भी आ सकती है। कुछ लोगों को दांतों में समस्या हो सकती है।
मिथुन : इस राशि के ऊपर से राहू और सातवें भाव से केतू के गुजरने के कारण सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। खासतौर पर मानसिक परेशानी, ब्रेन से जुड़े रोग, गुर्दों से जुड़े रोग और बवासीर तक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क : यह राशि पिछले डेढ़ साल से केतू की दृष्टि से पीड़ित थी और जातक गुर्दे से जुड़ी बीमारियों के अलावा पेट की बीमारियों से जूझ रहे थे। इनसे राहत मिलेगी लेकिन राहू-केतू के राशि परिवर्तन के बाद छठे भाव से शनि व केतू का गोचर शरीर के निचले हिस्से में पथरी, हर्नियां जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा घुटनों का दर्द भी परेशानी देगा।
सिंह : इस राशि की जातक गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की जरूरत है। 9वें भाव में शनि व केतू पेट में पल रहे बच्चे के लिए शुभ नहीं हैं। लिहाजा गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान रखें। इसके अलावा अन्य जातकों को याददाश्त से जुड़ी समस्या के अलावा एडिय़ों, कान से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है।
कन्या : यह राशि भी अब तक केतू की 9वीं दृष्टि से पीड़ित थी। लिहाजा शरीर में कई बीमारियों का वास हो गया था लेकिन अब इनसे निजात मिलने का समय है। हालांकि मौसम की दुश्वारियों के चलते जातकों को नजला-जुकाम जैसी समस्या हो सकती है। लिहाजा इस राशि के जातक खान-पान पर खास ध्यान रखें।
तुला: 9वें भाव में पड़ा राहू घरेलू और प्रोफैशनल कारणों के चलते मानसिक परेशानी का कारण बनेगा जबकि तीसरे भाव का केतू गुर्दों और पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। कार्यस्थल पर ज्यादा एग्रैसिव न हो तो मानसिक परेशानी से बचा जा सकता है।
वृश्चिक: राहू की 5वीं दृष्टि हटने से गर्भवती महिलाओं को फायदा होगा। हालांकि दूसरे भाव में बन रही शनि व केतू की युती के कारण दुर्घटना के योग बन रहे हैं। गाड़ी धीरे चलाएं। चेहरे पर चोट लग सकती है, इसके अलावा दांतों, जीभ, छाती, फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारी हो सकती है। खान-पान का भी ध्यान रखने की जरूरत है।
धनु : इस राशि के ऊपर से केतू का गोचर और उसके साथ बन रही शनि की युती कई तरह की शारीरिक परेशानियों का कारण बनेगी। मानसिक तनाव के अलावा घुटनों से जुड़ी समस्या, छाती का रोग, फेफड़ों की बीमारी और गुर्दों से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है। गर्भवती महिलाएं खासतौर पर अपना ध्यान रखें।
मकर : इस राशि से केतू के बाहर निकलने से मानसिक परेशानी से छुटकारा मिलेगा। साथ ही केतू के सातवें भाव से बाहर निकलने के कारण शरीर के निचले हिस्से में हो रही बीमारियांं भी कम होंगी। हालांकि 12वें भाव में शनि व केतू की युती व छठे भाव में राहू का गोचर पैरों, अंगूठों और लिवर से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। चोट लगने के भी आसार हैं। लिहाजा गाड़ी ध्यान से चलाएं।
कुंभ : इस राशि के जातकों के लिए एडिय़ों से जुड़ी समस्याओं के अलावा मानसिक परेशानी और चेहरे की स्किन का रोग हो सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए 5वें भाव में शनि व केतू की युती गर्भावस्था के दौरान समस्या खड़ी कर सकती है। गर्भवती महिलाएं खासतौर पर अपने खान-पान का ध्यान रखें।
मीन : राहू की 9वीं दृष्टि हटने से इस राशि के जातकों को हो रही दिमागी परेशानी दूर होगी। हालांकि चौथे भाव में शनि व राहू की बन रही युती घुटनों के अलावा छाती, फेफड़े और दिल से जुड़ी समस्या का कारण बन सकती है। इस राशि के जातक ऐसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं जिसका इलाज लम्बा चलेगा।
ज्योतिष में जन्म कुंडली को कालपुरुष की कुंडली के तौर पर भी देखा जाता है जिसके 12 भाव शरीर के किसी न किसी हिस्से से संबंधित हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से ही व्यक्ति को होने वाली बीमारी का पता लगाया जा सकता है। राहू का मिथुन व केतू का धनु राशि से गोचर विभिन्न जातकों के लिए विभिन्न फल देगा। राहू और केतू की शांति करवा कर भी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके लिए अपने ज्योतिष का परामर्श जरूर लें
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