
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर अमेरिकी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक चुराने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने सैन्य दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सेना को राष्ट्रीय रक्षा के अपने मूल मिशन पर वापस लौटना चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर अमेरिकी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक चुराने का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सैन्य दीक्षांत समारोह के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा, आज यहां आट कैडेटों ने अपना खुद का हाइपरसोनिक रॉकेट डिजाइन करने की चुनौती ली। हम अभी उन्हें बना रहे हैं। हमारा रॉकेट चुराया गया था। हम इसके डिजाइनर हैं। ओबामा प्रशासन के दौरान इसे चुरा लिया गया था। वेस्ट पॉइंट के मिची स्टेडियम में बोलते हुए ट्रंप ने रूस पर इसे चोरी करने का आरोप लगाया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘कुछ बुरा हुआ, रूसियों ने इसे चुरा लिया। लेकिन अब हम उन्हें बना रहे हैं, बहुत सारे।’ इस दौरान उन्होंने अमेरिकी सैन्य अकादमी में स्नातक कैडेटों से कहा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका के सशस्त्र बलों का पुनर्निर्माण किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना को राष्ट्रीय रक्षा के अपने मूल मिशन पर वापस लौटना चाहिए।
अमेरिकी सेना को बताया सबसे शक्तिशाली – कैडेट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप दुनिया की अब तक की सबसे महान और सबसे शक्तिशाली सेना के अधिकारी बनेंगे और मैं जानता हूं, क्योंकि मैने उस सेना का पुनर्निर्माण किया था। हमने अपने पहले कार्यकाल में इसे इस तरह से पुनर्निर्मित किया जैसा पहले किसी ने भी नहीं किया।
बाइडन प्रशासन की सैन्य नीतियों पर निशाना – उन्होंने कहा कि सेना का ध्यान दुश्मन को हराने और अमेरिकी मूल्यों की रक्षा पर केंद्रित होना चाहिए। ट्रंप ने कहा, ‘हम ध्यान भटकाने वाली चीजों से छुटकारा पा रहे हैं और अपनी सेना को उसके मूल मिशन पर केंद्रित कर रहे हैं- अमेरिका के विरोधियों को कुचलना, अमेरिका के दुश्मनों को मारना और हमारे महान अमेरिकी झंडे की रक्षा करना, जैसे कि पहले कभी नहीं किया गया।’ उन्होंने अपने पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन के तहत सैन्य नीतियों पर निशाना साधा। सैन्य ठिकानों पर पिछले आयोजनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अमेरिकी सशस्त्र बलों का काम ड्रैग शो का आयोजन या विदेशी संस्कृतियों को बदलना नहीं है।’
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