वैज्ञानिकों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विश्व के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडार की खोज की है। यहां करीब 6 ट्रिलियन डॉलर की कीमत का भंडार हो सकता है, जो ऑस्ट्रेलिया की किसमत बदल देगा।
भूवैज्ञानिकों को ऑस्ट्रेलिया में बड़ी कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने एक अभूतपूर्व खोज में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पिलबारा क्षेत्र में लौह अयस्क के विशाल भंडार का पता लगाया है। इसे दुनिया में अब तक खोजा गया सबसे बड़ा लोहे का भंडार माना जा रहा है। इस भंडार की कीमत 6 ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह खोज ना केवल वैश्विक लौह बाजार में क्रांति लाएगी बल्कि पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास को लेकर भी नई समझ पैदा करेगी।
ऑस्ट्रेलिया का पिलबारा क्षेत्र अपने सूखे भूभाग और समृद्ध खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है। अब यह तक खोजे गए सबसे बड़े लौह अयस्क भंडार का घर बन गया है। इस खोज ने वैज्ञानिकों की लौह सांद्रता पर समझ को भी बदला है। इन संरचनाओं की आयु पहले 2.2 अरब वर्ष थी, अब इसे संशोधित करके 1.4 अरब वर्ष कर दिया है।
तकनीक से मिली सफलता – ऑस्ट्रेलिया में हुई इस खोज में तकनीक ने बड़ी भूमिका निभाई है। भूवैज्ञानिकों को उन्नत आइसोटॉपिक डेटिंग और रासायनिक विश्लेषण से ना केवल भंडार के विशाल आकार का पता चला बल्कि अयस्क की शानदार गुणवत्ता का भी पता चला। प्रारंभिक अनुमानों के बाद 30 प्रतिशत लौह सामग्री को संशोधित कर 60 प्रतिशत से अधिक कर दिया गया है। इससे यह भंडार अब तक खोजे गए सबसे समृद्ध भंडारों में से एक बन गया है।
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