उत्तर कोरिया द्वारा देश के दूसरे जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष में तैनात करने के लिए छोड़े गए रॉकेट में उड़ान भरने के तुरंत बाद विस्फोट हो गया। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। यह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के लिए झटका है जो अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया पर नजर रखने के लिए उपग्रहों को तैनात करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह प्रक्षेपण ऐसे वक्त में विफल हुआ है जब दक्षिण कोरिया, चीन और जापान के नेताओं ने चार साल से अधिक समय बाद पहली त्रिपक्षीय बैठक के तहत सियोल में मुलाकात की।
उत्तर कोरिया का ऐसी उकसावे वाली कार्रवाई करना असामान्य है जब उसका प्रमुख सहयोगी चीन क्षेत्र में उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता कर रहा हो। उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों ने इस प्रक्षेपण की आलोचना की थी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर ऐसा कोई प्रक्षेपण करने से प्रतिबंध लगा रखा है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि उसने मुख्य उत्तरपश्चिमी अंतरिक्ष केंद्र से एक नए रॉकेट पर एक जासूसी उपग्रह छोड़ा।
लेकिन उड़ान भरने के तुरंत बाद रॉकेट में संदिग्ध रूप से इंजन समस्या के कारण विस्फोट हो गया। जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने उत्तर कोरिया के प्रक्षेपण को ‘‘पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती” बताया था। दक्षिण कोरिया ने उपग्रह प्रक्षेपण को ‘‘उकसावे वाला कदम बताया था जिससे हमारी और क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचता है।”
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