
26 जनवरी को शनि देव राशि परिवर्तन करेंगे, वे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। उसके बाद वृश्चिक, धनु, मकर राशि में साढ़ेसाती का आरंभ होगा और वृष एवं कन्या राशि के जातक ढ़ैय्या के दौर से गुजरेंगे। शनि की दशा आप पर भी पड़ने वाली है भारी तो आपके साथ होने लगेगा कुछ ऐसा, जिससे आप जान सकेंगे की शनि दे रहे हैं अशुभ प्रभाव। ज्योतिषशास्त्री मानते हैं की शनि जब अशुभ प्रभाव देते हैं, तब एक के बाद एक परेशानी आती रहती है और व्यक्ति को दीमक की तरह खोकला करने लगती है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान व्यक्ति की चप्पल अथवा जूते अचानक से टूट जाते हैं या खो जाते हैं।
तामसिक चीजों की तरफ झुकाव बढ़ने लगता है जैसे मांस-मदिरा के सेवन की चाह बढ़ने लग जाती है। जो लोग इन चीजों को पसंद नहीं करते, वो भी इस ओर आकर्षित होने लगते हैं।
जब घर-परिवार पर शनि भारी होने लगते हैं तो घर का कोई हिस्सा टूट कर गिर जाता है अथवा दीवारों में दरारें आने लगती हैं।
कारोबार और व्यवसाय में आचानक से धन हानि होने लगती है।
घर में चोरी हो जाती है या चीजें गुम हो जाती हैं।
पैरों के रोग या हड्डियों से संबंधित बीमारियां घेरे रहती हैं।
बनते हुए काम बिगड़ जाना, हर काम में नुकसान पहुंचना, जीवन के हर क्षेत्र में असफलता मिलना या अनिष्ट होना।
इसके अलावा शनि अपनी महादशा व अंतर्दशा आदि से व्यक्ति का जीवन झंझोड़ देता है। इसके अलावा जन्मराशि से शनि विभिन्न स्थानों पर गोचर करता हुआ कभी साढ़ेसाती या ढैया के रूप में व्यक्ति पर कंटक का प्रभाव डालता है। शास्त्रनुसार शनि की साढ़ेसाती व ढैया लगना, यह तभी फलीभूत होते हैं जब शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो अथवा जब शनि कुण्डली में खराब भावों का सूचक हो। अगर यह अशुभ नहीं है या दशा नहीं चल रही हो तो शनि व्यक्ति को हानि नहीं देता है। शनि का कार्य मात्र अनुचित व पाप कर्म का फल अपनी दशा व गोचर के दौरान देना है।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website