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Sinkhole: बिना भूकंप पैरों के नीचे से खिसक जाती है जमीन, कैसे अचानक बन जाते हैं विशालकाय सिंकहोल?

मेक्सिको में कुछ लोग अचानक उठे तूफान जैसी आवाज से घबरा गए। बाहर जाकर देखा तो आसमान नहीं, जमीन फट गई थी। उनकी आंखों के सामने 200 चौड़ा और 50 फीट गहरा गड्डा यानी सिंकहोल (Sinkhole) बन गया था। इसके तले में पानी भरा हुआ था। यही नहीं, यह धीरे-धीरे बड़ा होता दिख रहा था। आखिर सिंकहोल होते क्या हैं और कैसे अचानक बन जाते हैं?
कैसे बनते हैं सिंकहोल? : सिंकहोल ऐसी जगहों पर आम होते हैं जहां जमीन के नीचे लाइमस्टोन, कार्बोनेट चट्टान, सॉल्ट बेड या ऐसी चट्टानों हों जो भूमिगत पानी के सर्कुलेशन की वजह से घुल जाती हों। चट्टान के घुलने से नीचे जगह बन जाती है।
खतरनाक बात यह है कि इनके ऊपर की जमीन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सही-सलामत रहती है और नीचे खाली जगह फैलती जाती है। जब यह बहुत ज्यादा बड़ी हो जाती है और ऊपर की जमीन को सपॉर्ट नहीं कर पाती, तब ढह जाती है। इस वजह से सिंकहोल कभी भी, कहीं भी बन जाते हैं।
सिंकहोल कुछ फीट से लेकर कई एकड़ तक में फैले हो सकते हैं। ये एक से लेकर 100 फीट से ज्यादा तक गहरे हो सकते हैं। कुछ काफी बड़े लेकिन छिछले होते हैं और कुछ काफी छोटे लेकिन गहरे होते हैं। कइयों में पानी भरा होता है।
इंसानी गतिविधियों से बढ़ा खतरा : शहरीकरण के साथ-साथ जमीन के इस्तेमाल के आधार पर भी कई तरह के सिंकहोल बनने लगे हैं। भूमिगत जल को शहरों में पानी सप्लाई करने या सिंचाई के लिए पंप से निकालने और निर्माणकार्यों के चलते नीचे की जमीन खोखली हो जाती है। पानी के प्राकृतिक रास्तों को बदलने से भी ये बनने लगते हैं। कई बार पानी भरने के लिए तालाब बनाने से नए मटीरियल का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि जमीन धंस जाती है।