Monday , April 21 2025 6:23 AM
Home / Spirituality / नक्षत्रों को ध्यान में रखकर करें जीविका निर्णय, इनकी रफ्तार से बदलेगी जिंदगी

नक्षत्रों को ध्यान में रखकर करें जीविका निर्णय, इनकी रफ्तार से बदलेगी जिंदगी

5
चारों नक्षत्रों के पदार्थों में से चाहे वे आपस में विरोधाभास ही क्यों न रखते हों, उसी पदार्थ से संबंधित व्यक्ति की आजीविका होती है। जो पदार्थ चारों नक्षत्रों में बहुमत रखता हो और जब प्रफुल्ल ज्योति का चंद्रमा कुंडली के श्रेष्ठ भावों में स्थित हो तो केवल चंद्र नक्षत्र के आधार से ही जीविका चलती है। यही नियम शेष तीनों नक्षत्रों पर भी लगेगा अर्थात इन तीनों में से कोई अकेला जब कुंडली के शुभ भावों में स्वतंत्र रूप से बलवान हो तो केवल उसी नक्षत्र से संबंधित पदार्थों की जीविका से व्यक्ति जीवनयापन करता है। किस रोजगार में व्यक्ति का भाग्य अच्छा साथ देगा, इसका निर्णय इस प्रकार करें कि इन चारों नक्षत्रों में से शुभ ग्रह जिस नक्षत्र में होंगे, उसी नक्षत्र से जुड़े पदार्थों के व्यवसाय में व्यक्ति का भाग्य अच्छा साथ देगा। इसके विपरीत इन नक्षत्रों में अशुभ ग्रहों की स्थिति होने से व्यवसाय में संघर्ष करना पड़ेगा।

नक्षत्रों के आधार पर आपका व्यवसाय क्या हो सकता है, जानें :
अश्विनी : यदि आपका नक्षत्र अश्विनी है तो वाहन व्यवसाय, सेना व पुलिस में आप उच्च पद पा सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में जा सकते हैं। अभिनेता-माडलिंग, कमीशन एजैंट, ट्रेैवल एजैंसियों से जुड़े लोग, जेवरात या फैशन की वस्तुओं का क्रय-विक्रय, कृषि कर्म और पशुपालन आदि अश्विनी नक्षत्र के अधीन हैं।

भरणी : तकनीकी कार्य, पुलिस, कस्टम विभाग, अनाज व्यवसाय, तमोगुणयुक्त, कर्म, तंत्र-मंत्र साधनाएं भरणी नक्षत्र के कारकत्व में हैं। इसके अलावा अस्त्र-शस्त्र निर्माण, वकालत, कोर्ट-कचहरी से जुड़े लोग इस नक्षत्र के अंतर्गत आते हैं।

कृत्तिका : अग्रि से संबंधित काम, होटल व्यवसाय,ज्वैलरी या ईंधन व्यापारी बन सकते हैं। सलाहकार, इंजीनियर, भाषाशास्त्री, पौरोहित्य कर्म, ज्योतिष, खान एवं खदानों में काम करने वाले कृत्तिका नक्षत्र के अधीन हैं।

रोहिणी : व्यापार या योग साधना रोहिणी नक्षत्र के अधीन हैं। ट्रांसपोर्टर, पशुपालन, कृषि कार्य या वस्त्र व्यवसाय रोहिणी नक्षत्र के लोग कर सकते हैं।

मृगशिरा : इत्र या वस्त्र व्यवसाय, रत्न, वन्य पदार्थ, पशु विक्रेता, संगीतज्ञ, संदेशवाहक, नकल नवीस, समुद्री यात्राएं करने वाले, आर्किटैक्ट या भवन निर्माण सामग्री का व्यवसाय करने वाले मृगशिरा नक्षत्र के अधीन आते हैं।

आद्रा : उग्र कर्म, तंत्र-मंत्र की क्रियाएं, क्रूर कर्म या शल्य चिकित्सक आदि इस नक्षत्र के अधीन हैं।

पुनर्वसु : वास्तुकार, मैकेनिक, फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाले, उच्च व्यापारी या पदाधिकारी अथवा डिजाइनर आदि काम इस नक्षत्र के अधीन आते हैं।

पुष्य : व्यापार-व्यवसाय में लगे लोग, सचिव-सलाहकार, नेता, मंत्री या प्रशासनिक क्षमता रखने वाले, पौरोहित्य कर्म, मैरिज ब्यूरो आदि पुण्य नक्षत्र के अंतर्गत हैं।

अश्लेषा : शेयर मार्कीटिंग, धातु कर्म, दवा निर्माण, दवा विक्रेता, वकील, रत्न व्यवसाय, वीडियोग्राफर, चिकित्सीय जांच करने वाले व्यवसायी अश्लेषा के अधीन हैं।

मघा : कृषि कर्म, पशुपालन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, नृत्य-संगीत, आर्किटैक्ट, भूमि व्यवसायी (कॉलोनाइजर्स) इसके अधीन हैं।

पूर्वा फाल्गुनी : लोकप्रिय बनाने वाले कर्म जैसे संगीतकार, गीतकार, गायक, कवि, चित्रकार, व्यापारी, व्यवसायी, वकालात व अग्रिकर्म इसके अधीन हैं।

उत्तरा फाल्गुनी : वास्तुवेत्ता, भवन निर्माता, विवाह संबंध करवाने वाले, कर्मकांडी, राज्याधिकारी, धन के विनियम से रोजगार करने वाले इस नक्षत्र के अधीन हैं।

हस्त : वस्त्र व्यवसायी, आभूषण या बड़े वाहनों से संबंधित कर्म करने वाले, शिल्पी, वेदज्ञ, धनका लेन-देन या चावल आदि का व्यवसाय करने वाले इसके अधीन हैं।

चित्रा : कारीगरी या दस्ताकीर करने वाले या इत्र का व्यवसाय करने वाले, लिपिक, एकाऊंटैंट, शल्य चिकित्सक, गृह सज्जा की वस्तुओं का व्यापार चित्रा नक्षत्र के अधीन हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *