
न्यूयॉर्क। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में किसी मरीज की गहन सर्जरी चल रही हो और डॉक्टर उसे रोककर टीवी पर फुटबॉल मैच देखने लगें तो परिजन की जान सांसत में आना स्वाभाविक है। लेकिन कई बार ऐसा होता है। डॉक्टरों द्वारा ओटी में टी ब्रेक की बात तो आम है, लेकिन यह अनूठा मामला है।
दक्षिण अमेरिका की इस घटना से वहां के मीडिया में डॉक्टरों की नैतिकता पर बहस छिड़ गई है। इसी के साथ चिली की टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई। अमेरिकी मीडिया में यह मामला कॉन्फेडरेशंस कप वीडियो क्लिप के नाम से चर्चित हो गया है।
रूस के कजान में बुधवार को कॉन्फेडरेशंस कप सेमीफाइनल में चिली के गोलकीपर क्लाउडियो ब्रावो ने अपनी टीम को पुर्तगाल की टीम के तीन पेनल्टी शूटआउट से ताबड़तोड़ बचाया था। इसी के साथ चिली की टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई। इसके लिए ब्रावो हीरो बनकर उभरे हैं।
लेकिन मामला विकट तब हो गया जब डॉक्टरों की एक टीम ने बेसुध रोगी की चीरफाड़ रोककर उसका लुत्फ लिया। उन्हें मैच के नाजुक दौर में पहुंचने की ज्यादा चिंता थी, बजाए मरीज के। अंतिम दौर में ब्रावो के इस बचाव से क्रिस्टियानो रोनाल्डो की पुर्तगाली टीम से चिली की टीम कामयाब रही।
फिर क्या था डॉक्टरों ने ओटी में ही जश्न मनाया। लापरवाही की हो रही निंदाजब डॉक्टरों के ओटी में जश्न का वीडियो मीडिया में वायरल हुआ तो उनकी निंदा होने लगी। अमेरिकी चिकित्सा जगत में डॉक्टरों के इस रवैए को लापरवाही माना जा रहा है। हालांकि चिली के मीडिया में देश की जीत के साथ ओटी में डॉक्टरों के जश्न का यह वीडियो मुख्य खबर के तौर पर दिखाया गया।
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