
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने आज पनामा कागजात लीक में उजागर हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (67) एवं उनके परिवार के सदस्यों के विरूद्ध भ्रष्टाचार के मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया। इस मामले का प्रधानमंत्री के राजनीतिक भविष्य पर गंभीर असर हो सकता है।
न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय वृहद पीठ ने 2 हफ्ते के अवकाश के बाद सुनवाई बहाल की। न्यायमूर्ति खोसा ने घोषणा की कि इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी। इस तरह अदालत ने क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की अगुवाई वाले विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई) की एक बड़ी मांग मान ली। वह इस मामले में 5 याचिकाकर्ताओं में एक है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि शरीफ और उनके परिवार ने धनशोधन के जरिए लंदन में संपत्तियां बनाईं। इन संपत्तियों का संचालन कथित रूप से विदेशी कंपनियों के जरिए होता था जिसका खुलासा पिछले साल पनामा कागजातों के सामने के बाद हुआ। शरीफ नेे पाकिस्तान से किसी धन के अवैध अंतरण के आरोपों से इनकार किया है।
पीटीआई के वकील नईम बुखारी ने अदालत में कहा कि पिछले साल शरीफ ने पनामा कागजात लीक के बाद नैशनल एसैंबली में अपनी संपत्तियों के बारे में अपने भाषण में सांसदों को गुमराह किया और वह धन के प्रवाह को साबित करने में विफल रहे। शरीफ, उनकी बेटी मरियम, दो बेटों हसन और हुसैन का प्रतिनिधित्व 3 अलग अलग वकीलों ने किया क्योंकि परिवार पहले दो वकीलों को बदल चुका है जिन्होंने उनका पक्ष रखा था।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website