
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण की तारीख और जगह को लेकर चल रहे भ्रम को साफ कर दिया है। दरअसल सोशल मीडिया पर इस पूर्ण सूर्यग्रहण के बारे में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
आज के सोशल मीडिया युग में वायरल रील से लेकर कोई अनोखी घटना सनसनी बनने से कहां बची रह पाती है। ऐसे में जब बात सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण की हो तो कहां कोई पीछे रहने वाला है। लेकिन इस सनसनी ने अब एक बड़ा भ्रम पैदा कर दिया है। ये भ्रम 2 अगस्त की तारीख को लेकर है, क्योंकि सोशल मीडिया पर दावा वायरल हो गया है कि 2 अगस्त 2025 को पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है। हालांकि यह दावा सच नहीं है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने साफ कर दिया है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को तो है, लेकिन वह इस साल यानी 2025 में नहीं हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि ये सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जिस दौरान 6 मिनट से ज्यादा समय तक अंधेरा छाया रहेगा।
सूर्यग्रहण कैसे होता है? – सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो उस समय होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस दौरान सूर्य की डिस्क चंद्रमा के पीछे हो जाती है, जिससे प्रकाश का कुछ या पूरा हिस्सा अवरुद्ध हो जाता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दौरान होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच सीधी रेखा पर स्थित होता है। सूर्यग्रहण के दौरान इसका प्रकाश सीधा नहीं पहुंचता है, ऐसे में यह वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए कोरोना के अध्यन का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
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