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Infertility की समस्या सिर्फ महिलाओं की नहीं है, डॉक्टर ने बताया यंग ऐज में क्या ध्यान रखना जरूरी है


भारत में युवाओं के बीच इनफर्टिलिटी (Infertility) एक बड़ी समस्या है। कुछ लोगों को लगता है कि यह सिर्फ महिलाओं की समस्या हैं, जबकि सच तो यह है कि पुरुष भी इससे तेजी प्रभावित हो रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार, देश में 15 फीसदी लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।
आसान शब्दों में समझें तो अगर कोई कपल लगातार यौन गतिविधि में शामिल होने के बावजूद माता-पिता बनने का सुख नहीं ले पा रहा है, तो इस समस्या को इनफर्टिलिटी (Infertility Problems) कहा जाता है। महिला और पुरुष में इनफर्टिलिटी के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि इनफर्टिलिटी की समस्या से कैसे बचा जा सकता है?
​महिला-पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या – इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, डॉक्टर वंदना बताती हैं कि लाइफ स्टाइल, इनफर्टिलिटी में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। आजकल की लाइफ इतनी फास्ट हो गई है कि हर किसी को किसी न किसी तरह का स्ट्रेस है। फिर चाहे वह मानसिक हो, शारीरिक हो, या फिर सामाजिक। ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी भी तरह का स्ट्रेस महिलाओं के गर्भ धारण में बड़ी बाधा पैदा करता है।
स्ट्रेस और इनफर्टिलिटी में क्या कनेक्शन हैं? – जो कपल रिलेशनशिप में हैं, उन्हें भी स्ट्रेस प्रभावित करता है। इसके चलते इनफर्टिलिटी में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि कपल्स अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव करें और कम से कम स्ट्रेस लेने की कोशिश करें। डॉक्टर वंदना के मुताबिक एक्सरसाइज, डाइट और पसंद की हॉबीज में इवॉल्व होकर स्ट्रेस को दूर रखा जा सकता है।
ये करें कंसीव करने में नहीं आएगी दिक्कत –
इनफर्टिलिटी की समस्या से कैसे बच सकते हैं? – महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं, या प्रेगनेंसी के लिए ट्राई कर रही हैं, उन्हें डाइट में विटामिंस, और मिनरल्स की अच्छी मात्रा लेनी चाहिए। साथ ही जंक फूड्स को अवॉइड करना चाहिए। डाइट ‘फ्री ऑफ पेस्टिसाइड्स एंड फर्टिलाइजर्स’ हो तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। जो महिलाएं अधिक वजन की समस्या से जूझ रही हैं, उन्हें डाइट में पोर्शन कंट्रोल का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
डाइट में ‘पोर्शन कंट्रोल’ क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है? – ‘पोर्शन कंट्रोल’ में कैलोरी की मात्रा कम और जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। दरअसल, जब आप कम कैलोरी लेंगे तो आपका शरीर एनर्जी के लिए एक्स्ट्रा फैट का इस्तेमाल करेगा, जिससे वजन कंट्रोल में रहेगा साथ ही बीएमआई भी काबू में रहेगा, जोकि प्रेगनेंसी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रेगनेंसी में बीएमआई कम या ज्यादा नहीं होना चाहिए।
इनफर्टिलिटी का इलाज क्या है, डॉक्टर ने बता दिया – डॉक्टर वंदना हेल्दी रहने के लिए नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट पर फोकस करने की सलाह देती हैं। उनके मुताबिक इससे ब्लड फ्लो अच्छा रहता है और शरीर के सभी अंग बढ़िया तरह से काम करते हैं। इंसान अंदर से मजबूत होता है तो जरूरी दवाएं भी बढ़िया तरीके से काम करती हैं। हर किसी को हफ्ते में चार से पांच दिन एक्सरसाइज करनी ही चाहिए।
​इनफर्टिलिटी के जोखिम कारकों को भी जान लीजिए – डॉ कहती हैं, जो कपल्स मां-बाप बनने की तैयारी में हैं उन्हें स्मोकिंग व अल्कोहल से दूर रहना चाहिए। देखा गया है कि जो लोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज व थायराइड जैसी समस्याएं से जूझ रहे होते हैं और खराब जीवनशैली के चक्र में फंसे होते हैं, उनकी इनफर्टिलिटी प्रभावित होती है।