
शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का वर्णन मिलता है। जिनमें से हनुमान जी का अवतार समस्त अवतारों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। महावीर हनुमान जी शारीरिक शक्ति के प्रतीक हैं। वे अतुल बलवान तथा पराक्रमी हैं। सोने के पर्वत जैसी उनकी सुदृढ़ देह है। वे असुरों अर्थात समस्त दुष्ट शक्तियों, हर प्रकार के राक्षत्व एवं पशुत्व को दूर करने वाले हैं। इसी कारण से इन्हें हिंदू धर्म में महावीर नाम से भी पुकारा जाता है। दुष्टजन उनकी शक्तियों के सामने उसी प्रकार दब जाते हैं जैसे पर्वत के नीचे क्षुद्र तिनका।
हनुमान जी पवन पुत्र वायुदेव के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनके चिन्ह को अपनी ध्वजा पर धारण कर अर्जुन ने वायु अर्थात प्राणों पर विजय प्राप्त की थी। प्राण चंचल हों तो मन चंचल हो जाता है। प्राण स्थिर होने से मन स्थिर हो जाता है। हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो जाने पर मन और प्राण स्थिर होते हैं और शक्ति बढ़ जाती है।
शनिवार के दिन शनिदेव और भक्त हनुमान जी की आराधना का विशेष महत्व है। शनिवार के दिन
‘ॐ हनुमते नमः’
मंत्र का जाप करने से शारीरिक बल बढ़ता है। किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी से मुक्ति पाने के लिए उपरोक्त लिखे हनुमान मंत्र का जाप करें। शारीरिक रूप से शक्तिशाली व्यक्ति ही सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकता है। सेहत ठीक न होने से लाइफ में आए दिन परेशानियां झेलनी पड़ती है। इस मंत्र में आपके वैवाहिक जीवन को भी सुखी बनाने की क्षमता है ।
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