
आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसके जीवन में किसी तरह की कोई मुसीबत न आए और इसके लिए वह कई तरह के उपाय भी करता है। इसी के चलते सबसे पहले हर इंसान ज्योतिष का सहारा लेता है और कुछ सलाहकार रत्न धारण करने की बात कहते हैं। कहते हैं कि रत्न व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा असर डालते हैं। ग्रहों की अनुकूला या प्रतिकूलता के अनुसार ही रत्न धारण किए जाएं तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। आज हम उन्हीं रत्नों में से गोमेद रत्न के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
वकालत, न्याय और राज-काज से संबंधित कार्यों में बेहतर करने के लिए भी गोमेद पहनना चाहिए।
किसी व्यक्ति की राशि या लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो तो ऐसे लोगों को गोमेद अवश्य पहनना चाहिए।
यदि राहू कुंडली में केंद्र में विराजमान हो अर्थात 1, 4, 7, 10 वें भाव में हो तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए। अगर दूसरे, तीसरे, नौवे या ग्यारवें भाव में राहू हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।
राहू अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद पहनना हितकर होता है।
यदि राहू शुभ भावों का स्वामी हो और स्वयं छठें या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद धारण करना लाभदायक होता है।
राहू अगर अपनी नीच राशि अर्थात धनु में हो तो गोमेद पहनना चाहिए।
राहू मकर राशि का स्वामी है। अत: मकर राशि वाले लोगों के लिए भी गोमेद धारण करना लाभ फलों को बढ़ाता है।
राहू अगर शुभ भाव का स्वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दुष्ट हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।
राहू राजनीति का मारकेश है अत: जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं या सक्रिय होना चाहते हैं उनके लिए गोमेद धारण करना बहुत आवश्यक है।
शुक्र, बुध के साथ अगर राहू की युति हो रही हो तो गोमेद पहनना चाहिए।
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