कोलंबो: श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी टी.एन.ए. ने चेताया है कि अगर सरकार तमिल मुद्दे का राजनीतिक समाधान खोजने का विचार छोड़ देती है और ज्यादा हस्तांतरण पर विचार नहीं करती है तो वह वर्तमान संविधान निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगी और इसे छोड़ देगी।
तमिल नैशनल एलायंस (टी.एन.ए.) के वरिष्ठ नेता धर्मालिंगम सिद्धार्थन ने कहा कि हमें राष्ट्रीय प्रश्न सुलझाने के लिए उत्तर और पूर्व का विलय करके संघीय संविधान के लिए जनादेश प्राप्त है। समझौते को लेकर सरकार के साथ चर्चा जारी है।
हम 13वें संशोधन को विस्तृत सत्ता साझेदारी तंत्र के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते। ‘संडे टाइम्स’ ने सिद्धार्थन के हवाले से कहा कि अगर सरकार राष्ट्रीय प्रश्न का समाधान निकालने का विचार त्यागती है तो हम संविधान बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे और हम इसे छोडऩे के लिए मजबूर होंगे।