
धनवान बनने की इच्छा किसकी नहीं होती, रोड़पति भी करोड़पति बनने के ख्वाब देखता है। धन की कामना से ही व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है। यदि आप धन की अधिष्ठाती देवी को प्रसन्न कर लें तो संसार की कोई ताकत आपका ये सपना पूरा होने से रोक नहीं सकती। वैसे तो देवी लक्ष्मी की पूजा प्रतिदिन करना सुखदायी है लेकिन शुक्रवार के दिन अपनी राशि के अनुसार मां के विभिन्न स्वरूपों का पूजन करना चाहिए।
नियमित धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की पूजा- नियमित धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके हाथों से धन गिर रहा हो। चित्र के समक्ष घी का एक बड़ा सा दीपक जलाएं। इसके बाद उनको इत्र समर्पित करें तथा वही इत्र नियमित रूप से प्रयोग करें। वृष, कन्या और मकर राशि वालों के लिए धन लक्ष्मी की पूजा विशेष लाभकारी होती है।
धन की बचत के लिए धान्य लक्ष्मी की पूजा- मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो या चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें। उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें। पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें। मिथुन, तुला और कुम्भ राशि वालों के लिए धान्य लक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है।
कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा- लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों। लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं तथा एक गुलाब का फूल अर्पित करें पूजा के उपरान्त उसी गुलाब को अपने धन वाली जगह पर रख दें। रोज इस गुलाब को बदल दें। वृष, कन्या, धनु, मकर और मीन राशि के कारोबारी लोगों के लिए गजलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है।
नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा- गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें। लक्ष्मीजी के चरणों में अष्टगंध अर्पित करें तथा नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं। कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा विशेष होती है।
धन के नुकसान से बचने के लिए वर लक्ष्मी की पूजा- लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों। उनके चरणों में नित्य प्रातः एक रुपये का सिक्का अर्पित करें। उन सिक्कों को जमा करते जाएं और महीने के अंत में किसी सौभाग्यवती स्त्री को दे दें। मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए वरलक्ष्मी के स्वरूप की उपासना अदभुत होती है।
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